खालिस्तान समर्थक अमृतपाल और उसके साथियों की ओर से अजनाला पुलिस थाने पर बोले गए हमले के बाद अब पंजाब सरकार की सफाई सामने आई है. सरकार के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा है कि अमृतपाल गुरु ग्रंथ साहिब लेकर थाने में पहुंच गया इसलिए पुलिस ने बेअदबी के डर से उपद्रवियों के साथ संयम बरता.
भगवंत मान सरकार में मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा, पंजाब पुलिस और सरकार के खिलाफ ऐसी कहानी गढ़ी जा रही है कि पंजाब में कानून व्यवस्था बिगड़ रही है. मैं कहना चाहता हूं कि जब कोई व्यक्ति गुरु ग्रंथ साहिब को लेकर ही पुलिस थाने पहुंच जाए तो कोई क्या करे, क्योंकि इसके साथ पंजाब के 3 करोड लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं.
AAP नेता के मुताबिक, अमृतपाल सिंह अपने और अपने साथियों के खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करवाना चाहता था इसलिए उसने धर्म की आड़ ली और गुरु ग्रंथ साहिब लेकर थाने पहुंचा.
अमन अरोड़ा ने अमृतपाल से पूछा कि क्या गुरु ग्रंथ साहिब जैसा पवित्र ग्रंथ पुलिस थाने में ले जाना सही है? उन्होंने कहा कि लवप्रीत उर्फ तूफान सिंह अमृतपाल का पुराना साथी है जिसने सोशल मीडिया पर अमृतपाल से कई सवाल पूछे थे जिसे वह नाराज हो गया. उसके बाद तूफान का अपहरण करके उसके साथ मारपीट की गई.
पुलिस झूठ बोल रही है: अमृतपाल
पुलिस थाने में गुरु ग्रंथ साहिब ले जाने पर घिरा अमृतपाल न केवल पुलिस बल, बल्कि कई सिख संगठनों के के निशाने पर है. शुक्रवार को जब अमृतपाल से गुरु ग्रंथ साहिब के बारे में पूछा तो उसने उल्टा पुलिस पर ही आरोप लगा दिए और कहा कि पुलिस झूठ बोल रही है.
वहीं, इस पूरे मामले को लेकर जब भारत के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा उपद्रवियों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करना इस बात का सबूत है कि उनके राजनीतिक आका खालिस्तानीयों के हिमायती हैं. सत्यपाल जैन ने पंजाब में बिगड़ रही कानून व्यवस्था पर गहरी चिंता जाहिर की है.
सत्यपाल जैन ने कहा, पुलिस को असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए लेकिन पंजाब पुलिस अपराधियों के सामने घुटने टेक रही है. पुलिस पर मामले वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. वहीं, पंजाब सरकार असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय राज्यपाल की नियुक्ति पर सवाल और संविधान का निरादर कर रही है. जैन ने कहा कि पंजाब सरकार कि राज्य की कानून व्यवस्था पर ढीली पकड़ बताती है कि सरकार दिशाहीन है.
मनजीत सहगल