पंजाब के फिरोजपुर और फाजिल्का ज़िलों के भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे गांवों में अब जीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है. भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनने के बाद, लोगों ने अपने घरों की ओर लौटना शुरू कर दिया है.
फिरोजपुर के जल्लोके गांव के मलकीत सिंह ने कहा कि अब लोग लौटने लगे हैं और जीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है. उन्होंने बताया कि शुरू के कुछ दिन डरावने थे, रात को अजीब-अजीब आवाजें आती थीं और डर के मारे नींद नहीं आती थी.
भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे गांवों पर हालात हुए सामान्य
नयी गट्टी राजोके गांव के तारा सिंह ने कहा कि बहुत लोगों ने अपने सामान को सुरक्षित जगह ले जाने में हजारों रुपये खर्च किए. वहीं गुरजीत कौर ने बताया कि उन्होंने गांव छोड़ने का फैसला नहीं किया क्योंकि उन्हें सेना पर भरोसा था.
तेंदिवाला गांव के 16 वर्षीय जसविंदर सिंह ने भी कहा कि सेना की मौजूदगी ने उन्हें सुरक्षित महसूस कराया. फाजिल्का जिले के लोग भी सेना के प्रति आभार व्यक्त कर रहे हैं. जोधा बेहनी गांव के बब्बू सिंह ने कहा कि उन्होंने सेना पर पूरा भरोसा रखा और गांव नहीं छोड़ा.
गांवों में स्कूल और बाजार खुलने लगे
पाकिस्तानी ड्रोन को समय रहते सेना ने मार गिराया जिससे कोई नुकसान नहीं हुआ. फाजिल्का की डिप्टी कमिश्नर अमरप्रीत कौर संधू ने लोगों की सहयोग भावना की सराहना की और कहा कि एकजुटता से ही देश की सीमाएं सुरक्षित रहती हैं. अब गांवों में बाजार खुलने लगे हैं और स्कूल दोबारा शुरू हो गए हैं.
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