सीएम खट्टर का घेराव करने वाले पंजाब के विधायकों पर होगी FIR, जांच के​ लिए बनी कमेटी 

केंद्रीय कृषि कानूनों और किसान आंदोलन के मुद्दे पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर का घेराव किया गया. ये घेराव हरियाणा-पंजाब विधानसभा परिसर में हुआ. यहां मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाने वाले पंजाब के अकाली दल विधायकों के खिलाफ हरियाणा सरकार एफआईआर दर्ज कराएगी.  

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर

सतेंदर चौहान

  • चंडीगढ़ ,
  • 12 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 10:46 PM IST
  • मुख्यमंत्री से अभद्र व्यवहार का मामला
  • विस अध्यक्ष ने अधिकारियों से मांगी रिपोर्ट
  • उच्च स्तरीय कमेटी करेगी मामले की जांच

हरियाणा विधानसभा सदन में सीएम मनोहर लाल खट्टर ने अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ जीत हासिल करने के बाद प्रेसवार्ता की. इस दौरान उन्हें अकाली दल के विधायकों ने घेरने का प्रयास किया. बताया गया है कि उनसे अभद्रता भी की गई. इस मामले को लेकर हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने एक जांच कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही विधायकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी भी चल रही है. 

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दर्ज होगी एफआईआर 

विधानसभा परिसर में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का घेराव और अभद्र व्यवहार का प्रयास करने वाले पंजाब के विधायकों के खिलाफ हरियाणा विधानसभा सचिवालय एफआईआर दर्ज करवाएगा. मामले की जांच के लिए विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने शुक्रवार को हरियाणा गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा, प्रधान सचिव अरुण गुप्ता, पुलिस महानिदेशक मनोज यादव समेत पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं. यह जांच दोनों प्रदेशों और यूटी चंडीगढ़ के अधिकारियों की संयुक्त कमेटी करेगी.

सचिवालय में बुलाई गई बैठक

विधानसभा सचिवालय में शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष की ओर से बुलाई गई बैठक में विधानसभा उपाध्यक्ष रणवीर गंगवा, विधान सभा सचिव राजेंद्र नांदल व हरियाणा, पंजाब और यूटी चंडीगढ़ के अधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान 10 मार्च की घटना का विस्तृत ब्योरा लिया गया. इस मामले पर 15 मार्च को हरियाणा विधानसभा के सदन में भी चर्चा होगी. बैठक में खुलासा हुआ कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रति अभद्र व्यवहार पंजाब के विधायकों की पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा था. इसके लिए पंजाब के विधायक करीब 3 घंटे तक विधानसभा परिसर में रुके रहे और मुख्यमंत्री के बाहर निकलने का इंतजार करते रहे. 

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पहले ही लग गई थी उपद्रव की खबर 

बैठक में मौजूद पंजाब के विधानसभा के अधिकारियों ने जानकारी दी कि उनके यहां उस दिन बजट सत्र का अंतिम दिन था, बजट की प्रक्रिया 3:30 बजे संपन्न हो गई थी. बजट सत्र की कार्यवाही संपन्न होने के बाद विधायक परिसर में ही रुके रहे. उनके द्वारा उपद्रव करने की भनक हरियाणा विधानसभा के सुरक्षा कर्मियों को लग गई थी. हरियाणा ने एहतियात के तौर पर सदन की तरफ आने वाले रैंप के रास्ते में सुरक्षा बढ़ा दी थी. इसी दौरान पंजाब के विधायक अपने वाहनों में जाकर बैठ गए. योजना के अनुसार वे वाहनों से तभी निकले जब शाम 6:30 बजे मुख्यमंत्री मनोहर लाल अध्यक्ष गेट पर मीडिया से बात कर रहे थे.

तलब किए गए अधिकारी 

विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने बैठक में उपस्थित सीआईडी विंग के अधिकारियों को भी तलब किया है. पुलिस अधिकारियों ने विधानसभा अध्यक्ष को जानकारी दी कि विधान भवन में 7 ऐसे रास्ते हैं, जो पंजाब और हरियाणा के क्षेत्रों को आपस में जोड़ते हैं. ऐसे में दोनों विधान मंडलों के सदस्यों को एक-दूसरे के यहां आने-जाने के रोकना कठिन कार्य रहता है. विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने भविष्य के सत्रों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाने के निर्देश दिए हैं.

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पंजाब विधानसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र

बता दें कि 10 मार्च को विधानसभा परिसर में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पंजाब के विधायकों ने घेरने का प्रयास किया था. विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने इस घटनाक्रम पर कड़ी आपत्ति जताते हुए तुरंत पंजाब के विधानसभा अध्यक्ष राणा केपी सिंह से बात की थी. गुप्ता ने पंजाब में अपने समकक्ष को पत्र लिखकर इस मामले में कड़ा संज्ञान लेने का भी आग्रह किया था. इस पर राणा केपी सिंह ने खेद व्यक्त करते हुए भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कठोर कदम उठाने का आश्वासन दिया था. 

 

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