'अगर डल्लेवाल को यहां से उठाया तो...', आमरण अनशन के 26वें दिन खनौरी बॉर्डर से किसानों की चेतावनी

सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के हेडक्वार्टर में तैनात फोर्स को खनौरी बॉर्डर के लिए भेजा जा रहा है, सांसदों की धक्कामुक्की दिल्ली में हुई, तो वहां सभी हालचाल पूछने जा रहे हैं, लेकिन यहां सीनियर किसान नेता 26 दिन से आमरण अनशन पर हैं, लेकिन सरकार ने कोई सुध-बुध नहीं ली.

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किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन जारी है किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन जारी है

अमन भारद्वाज

  • खनौरी,
  • 21 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:57 PM IST

अन्नदाता अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं. इसी बीच किसानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. किसान नेता सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन आज 26वें दिन भी जारी है. गुरुवार के दिन डल्लेवाल नहाने के बाद बेहोश हो गए थे, तभी से उनका ब्लड प्रेशर सही नहीं है. डल्लेवाल ने आज किसी से मुलाकात नहीं की. लेकिन उन्होंने एक मैसेज दिया है. 

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सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के हेडक्वार्टर में तैनात फोर्स को खनौरी बॉर्डर के लिए भेजा जा रहा है, सांसदों की धक्कामुक्की दिल्ली में हुई, तो वहां सभी हालचाल पूछने जा रहे हैं, लेकिन यहां सीनियर किसान नेता 26 दिन से आमरण अनशन पर हैं, लेकिन सरकार ने कोई सुध-बुध नहीं ली.

हरियाणा से किसानों को यहां आने नहीं दिया जा रहा. रास्ते ब्लॉक किए गए हैं, हरियाणा में पुलिस किसानों के घरों में जा रही है, यहां पंजाब प्रशासन की ओर से अस्थाई अस्पताल बनाया गया है, उन्होंने चेतावनी दी कि अगर डल्लेवाल को यहां से उठाकर ले गए, तो खून-खराबा होगा. 

किसानों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात करने खनौरी बॉर्डर पहुंचे.

डल्लेवाल ने सुप्रीम कोर्ट को लिखा पत्र

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अनशन के 25वें दिन यानी शुक्रवार को किसान नेता डल्लेवाल ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर केंद्र को किसानों की मांगें स्वीकार करने के निर्देश देने की मांग की. 70 वर्षीय डल्लेवाल कैंसर से पीड़ित हैं और आंदोलनकारी किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे हैं. सुप्रीम कोर्ट को लिखे पत्र में डल्लेवाल ने लिखा कि किसानों की मांगों के समर्थन में उनकी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी है.

'MSP लागू करने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को फायदा होगा'

किसान नेता ने कहा कि उन्हें मीडिया के माध्यम से पता चला कि शीर्ष अदालत उनके स्वास्थ्य के बारे में चिंतित है, डल्लेवाल ने लिखा कि मैं आपकी भावनाओं का सम्मान करता हूं, उन्होंने कहा कि वह विनम्रतापूर्वक अनुरोध करना चाहते हैं कि सरकारों की "गलत नीतियों" के कारण आत्महत्या करने वाले किसानों का जीवन उनके जीवन से अधिक महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि एक संसदीय पैनल ने सरकार को कृषि उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) लागू करने की सिफारिश की है, जिसमें तर्क दिया गया है कि इस तरह के उपाय से ग्रामीण अर्थव्यवस्था, किसानों और देश को फायदा होगा.

'MSP गारंटी कानून से किसानों की क्रय शक्ति बढ़ेगी'

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डल्लेवाल ने कहा कि MSP गारंटी कानून से किसानों की क्रय शक्ति में वृद्धि होगी. संसदीय पैनल का जिक्र करते हुए डल्लेवाल ने लिखा कि यह संसद की एक सर्वदलीय समिति है, जिसमें सभी राजनीतिक दलों के 31 सांसद शामिल हैं. डल्लेवाल ने पत्र में लिखा कि मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि संसदीय समिति की रिपोर्ट और किसानों की भावनाओं का सम्मान करते हुए MSP गारंटी कानून बनाने के लिए केंद्र सरकार को आवश्यक निर्देश दें, ताकि किसानों की आत्महत्याएं रोकी जा सकें. उन्होंने लिखा कि मैं आपके ध्यान में यह भी लाना चाहता हूं कि जिन मुद्दों पर हम विरोध कर रहे हैं, वे सिर्फ हमारी मांगें नहीं हैं, बल्कि विभिन्न सरकारों द्वारा हमसे किए गए वादे हैं.

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