पंजाब के बर्खास्त पुलिस उपाधीक्षक (DSP) बलविंदर सिंह सेखों को सोमवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. लुधियाना के पुलिस आयुक्त मनदीप सिंह सिद्धू ने पंजाब पुलिस के बर्खास्त अधिकारी बलविंदर सिंह सेखों की गिरफ्तारी की पुष्टि की. पुलिस कमिश्नर मनदीप सिंह ने कहा कि उन्होंने न्यायपालिका के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था. साथ ही ऐसी सामग्री सोशल मीडिया पर अपलोड की,जिस पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया.
एजेंसी के मुताबिक जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस हरप्रीत कौर जीवन की बेंच ने अपने आदेश में कहा कि हमारा मानना है कि चीजें इस हद तक पहुंच गई हैं कि हम प्रतिवादी संख्या 6 (बलविंदर सिंह सेखों) के खिलाफ नोटिस जारी करने के लिए मजबूर हैं.
बेंच ने कहा कि प्रतिवादी संख्या 7 (विधि विशेषज्ञ प्रदीप शर्मा) ने न्यायाधीश की उपस्थिति में आपराधिक अवमानना की है. लिहाजा वह न्यायालय की अवमानना के दोषी हैं और उन्हें हिरासत में लेने की जरूरत है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि लुधियाना के पुलिस आयुक्त अधिनियम की धारा 14(4) के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए प्रतिवादी संख्या 6 और 7 यानी बलविंदर सिंह सेखों और प्रदीप शर्मा की गिरफ्तारी सुनिश्चित करेंगे और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजेंगे.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि बलविंदर सिंह सेखों कोर्ट के न्यायाधीशों द्वारा की गई न्यायिक कार्यवाही से संबंधित दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक वीडियो प्रसारित कर रहे थे.
इसके साथ ही हाईकोर्ट ने फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर को भी निर्देश दिया कि वे बलविंदर सिंह सेखों और प्रदीप शर्मा की ओर से आईपी पतों से अपलोड किए गए ऐसे सभी वीडियो, वेब लिंक औऱ यूआरएल को हटाने, ब्लॉक करने या बैन करने का आदेश दें.
दरअसल, बलविंदर सिंह सेखों को साल 2021 में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था. जबकि राज्य सरकार के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के लिए उन्हें 2019 में निलंबित कर दिया गया था.
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