चंडीगढ़ के मशहूर रोज़ गार्डन में शनिवार दोपहर एक दर्दनाक और रहस्यमय घटना सामने आई. यहां 30 साल की महिला दीक्षा ठाकुर का शव लेडीज टॉयलेट में मिला जहां उसका गला कटा हुआ था. घटना लगभग 3 बजकर 15 मिनट पर हुई, जब गार्डन में घूम रहे लोगों ने अचानक जोरदार चीख सुनी. पास ही मौजूद एक महिला ने शौचालय के भीतर जाकर देखा तो दीक्षा खून से सनी फर्श पर पड़ी थीं और उनके गर्दन पर गहरा घाव था.
उन्हें तुरंत पास के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने मौके से दस्तावेजों के आधार पर उनकी पहचान की, जिनमें बिहार स्टाफ सेलेक्शन कमीशन का फार्म भी शामिल था. दीक्षा मूल रूप से सहारनपुर (यूपी) की रहने वाली थीं. वो लगभग एक साल से अपने पति से अलग रह रही थीं और एक 3 साल के बेटे की मां थीं.
चाकू और दवाइयां बरामद
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले चार महीनों से वो मोहाली फेज-11 में एक PG में रह रही थीं और चंडीगढ़ के चौपाल टीवी में ग्राहक सेवा (कस्टमर केयर) एग्जीक्यूटिव के रूप में काम कर रही थीं. पुलिस जांच में सामने आया कि बीते एक सप्ताह से वो मेडिकल लीव पर थीं और एंग्जायटी के चलते पंचकूला के एक अस्पताल से दवाइयां ले रही थीं. शनिवार को उन्होंने ऑफिस जॉइन तो किया, लेकिन दोपहर 2 बजे यह कहते हुए चली गईं कि वो ठीक महसूस नहीं कर रहीं. इसके बाद वो सीधे रोज़ गार्डन चली गईं.
हत्या के सबूत नहीं, हर एंगल से जांच जारी
मौके से लगभग चार इंच का किचन नाइफ मिला है. दीक्षा के बैग से एंटी-डिप्रेशन दवाइयां भी बरामद हुई हैं. घटना के समय महिला शौचालय की सफाईकर्मी अनुपस्थित थी, जिसके कारण कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं मिला. पुलिस अब CCTV फुटेज और कॉल रिकॉर्ड की जांच कर रही है.
फोन पर दिए बयान में SSP कंवरदीप कौर ने कहा कि फिलहाल किसी बाहरी हमले या साजिश के प्रमाण नहीं मिले हैं, लेकिन पुलिस सभी संभावित व्यक्तिगत, परिस्थितिजन्य और मनोवैज्ञानिक एंगल से जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि यह मामला हत्या है या आत्महत्या, यह पोस्टमॉर्टम और फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा.
अमन भारद्वाज