पंजाब के एयर क्वालिटी इंडेक्स में थोड़ा सुधार हुआ है. दिवाली से पहले हुई बरसात के चलते आसमान साफ है, लेकिन पराली जलाए जाने के मामले हर रोज सामने आ रहे हैं, जहां पहले पंजाब के मुख्यमंत्री का होम डिस्ट्रिक्ट आग लगने के मामलों में टॉप पर था, वहीं अब उस इलाके में कमी नजर आ रही है और पंजाब के बठिंडा और बरनाला टॉप पर हैं. संगरूर की बात की जाए तो पुलिस और सिविल प्रशासन की 150 टीमें किसानों को आग लगने से रोकने के लिए फील्ड में तैनात की गई हैं.
जिले के एसपी और डिप्टी कमिश्नर ने खुद मोर्चा संभाला हुआ है. आग लगाने वाले किसानों को समझाया जा रहा है और उनकी मुश्किलें सुनी जा रही हैं और उनको खेत से पराली उठाने के लिए मशीनरी उपलब्ध करवाई जा रही है. इसी के चलते अब संगरूर में पराली में आग लगाने के मामले कम हुए हैं. जिलेभर में आज 188 मामले ही सामने आए हैं, जो पहले 500 से ऊपर आते थे. खेतों में गेहूं की बिजाई का काम पूरा होने वाला है. कह सकते हैं कि आने वाले कुछ दिन में सभी धान के खेत में गेहूं की बिजाई हो जाएगी.
क्यों पराली जला रहे हैं किसान?
किसानों का कहना है कि आग लगाना उनकी मजबूरी इसलिए है क्योंकि गेहूं की बिजाई करनी है. जो मशीन उपलब्ध है वह उतनी बड़ी मात्रा में नहीं है. हमारे खेतों से वह पराली उठाकर नहीं लेकर जा रहे. एशिया का सबसे बड़ा बायोगैस प्लांट नजदीक होने के चलते भी वह सिर्फ 12:00 बजे से लेकर 4:00 बजे तक की पराली उठाते हैं. दूसरी ओर संगरूर के एसपी का कहना है कि किस हमारी बात सुन रहे हैं, हम उनके लिए मशीन उपलब्ध करवा रहे हैं.
संगरूर जिले में आया सुधार
जहां पहले संगरूर आग लगने के मामलों में टॉप पर था वहां सिर्फ 188 मामले सामने आए हैं और इस समय पंजाब के बठिंडा और बरनाला टॉप पर चल रहे हैं. वहां पर 253 मामले सामने आ रहे हैं और होशियारपुर और रूपनगर जिलों में आग लगने की एक से पांच मामले ही सामने आ रहे हैं.
आग लगाने की योजना बना रहे किसानों का कहना था कि वह आग लगाना नहीं चाहते थे. लेकिन बायोगैस बनाने वाली कंपनी उनके खेतों से पराली को नहीं उठा रही, इसके लिए उनकी मजबूरी है ना ही इतनी मशीन उपलब्ध है. आज पुलिस प्रशासन के लोग उनके पास आए थे, हमने उनको अपनी समस्या बताई है. उन्होंने कंपनी के साथ बात की है, वह हमारे खेतों से अगले दो दिन में प्राइस उठा कर ले जाएंगे, हम पराली को आग नहीं लगाएंगे.
पंजाब में कम हो रहे हैं पराली जलाने के मामले
दूसरी और संगरूर के एसपी ने कहा कि जिलेभर में 150 टीम में तैनात की गई हैं. खुद जिले के डिप्टी कमिश्नर और एसपी फील्ड में हैं. हम आग लगने वाले किसानों को समझा रहे हैं, वह हमारी बात मान भी रहे हैं. हम उनके लिए मशीन उपलब्ध करवा रहे हैं. आप आपको बताते चलें कि पंजाब में पराली को आग लगाने के मामले धीरे-धीरे कम हो रहे हैं, कई जिलों में तो सिर्फ एक से लेकर दो मामले ही सामने आ रहे हैं. जहां पर धान की खेती सबसे ज्यादा होती है. उन जिलों में ही अब मामले बढ़ रहे हैं.
बलवंत सिंह विक्की