'फार्म हाउस से चलाई सरकार, वादे निभाने में रहे विफल', कैप्टन अमरिंदर पर खुलकर बरसे हरीश रावत

कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत ने निशाना साधा है. उन्होंने कैप्टन अमरिंदर पर निशाना हमला बोलते हुए कहा है कि कांग्रेस ने हमेशा ही कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके परिवार को उच्च सम्मान में रखा है.

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कैप्टन अमरिंदर और हरीश रावत (फाइल फोटो) कैप्टन अमरिंदर और हरीश रावत (फाइल फोटो)

मौसमी सिंह

  • चंडीगढ़,
  • 01 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 8:53 PM IST
  • हरीश रावत ने साधा कैप्टन पर निशाना
  • रावत बोले- फार्म हाउस से सरकार और पार्टी चला रहे थे कैप्टन

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के दिल्ली दौरे और हालिया घटनाक्रम से नाराज चल रहे कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत ने निशाना साधा है. उन्होंने कैप्टन अमरिंदर पर निशाना हमला बोलते हुए कहा है कि कांग्रेस ने हमेशा ही कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके परिवार को उच्च सम्मान में रखा है. साल 1998 में पटियाला से करारी हार झेलने के बाद भी उन्हें कांग्रेस पार्टी में शामिल किया गया. इसके बाद, उन्हें साल 1999 से 2002, 2010 से 2013 और 2015 से 2017 तक तीन मौकों पर पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष भी नियुक्त किया. वहीं, साल 2002 से 2007 और 2017 से 2021 तक कैप्टन को पंजाब का मुख्यमंत्री भी बनाया गया. इस दौरान उन्हें पूरी छूट दी गई थी. हरीश रावत ने आरोप लगाया है कि कैप्टन फार्म हाउस से सरकार और पार्टी चला रहे थे.

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'ड्रग्स, बिजली जैसे अहम मुद्दों पर वादे निभाने में कैप्टन रहे विफल'

पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने कहा, ''अपने साथियों और नेतृत्व से लगातार याद दिलाने के बावजूद, दुर्भाग्य से कैप्टन अमरिंदर ने बरगदी, ड्रग्स, बिजली आदि जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने वादों को निभाने में विफल रहे. पूरे राज्य में एक आम धारणा थी कि कैप्टन और बादल एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं, और यह एक गुप्त समझ है. मैं हमेशा से ही विनम्रतापूर्वक उन्हें हमारे चुनावी वादों पर कार्रवाई शुरू करने का सुझाव दे रहा था. कम से कम पांच बार मैंने कैप्टन साहब से इन मुद्दों पर चर्चा की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला.''

बरगदी मामले को गलत तरीके से किया हैंडल: रावत

हरीश रावत ने आगे कहा कि बरगदी के पूरे मामले को कैप्टन अमरिंदर सिंह के भरोसेमंद साथियों ने गलत तरीके से हैंडल किया. कैबिनेट की बैठकों में इस मुद्दे पर चर्चा हुई और बाद में, कई प्रमुख मंत्री इस शिकायत के साथ दिल्ली आए कि अब कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस चुनाव नहीं जीत सकती. समाधान खोजने के लिए, कांग्रेस आलाकमान ने अनुभवी कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया.

इस पैनल ने 150 से अधिक प्रमुख नेताओं को सुना, जिनमें विधायक, सांसद, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद, पीसीसी अध्यक्ष, पूर्व पीसीसी अध्यक्ष, युवा कांग्रेस, एनएसयूआई, महिला कांग्रेस, सेवा दल के नेता आदि शामिल थे. वहीं, बाद में बैठक में कांग्रेस के अधिकांश विधायकों ने कैप्टन अमरिन्दर सिंह प्रशासन की कार्यशैली पर बहुत स्पष्ट रूप से असंतोष व्यक्त किया और बड़ी संख्या में विधायकों ने उन्हें रिप्लेस करने का सुझाव दिया.

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फार्म हाउस से चला रहे थे सरकार: हरीश रावत

उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह से उम्मीद की जा रही थी कि वह उन्हें आशीर्वाद देंगे और उस उद्देश्य से मैंने उनसे मिलने की तीन बार कोशिश की. यहां तक कि मैंने अपने कुछ कॉमन फ्रेंड्स की सेवाओं का इस्तेमाल भी उनसे उनके आवास पर मिलने के लिए किया, लेकिन उन्होंने मुझसे मिलने से इनकार कर दिया. नवनियुक्त मुख्यमंत्री ने भी उनका आशीर्वाद मांगा और उन्होंने कहा कि वह उन्हें दोपहर के भोजन या चाय के लिए बुलाएंगे, लेकिन कुछ नहीं हुआ.

मुख्यमंत्री ने कई बार उनसे संपर्क करने की कोशिश की थी. कांग्रेस नेता ने कहा कि अमित शाह और भाजपा के संपर्क सूत्र से मिलने के बाद लोगों की हमदर्दी हासिल करने के लिए अपमान की थ्योरी फैलाई जा रही है. अपमान पर आधारित सहानुभूति की राजनीति किसी व्यक्ति की मदद कर सकती है, लेकिन यह पंजाब की मदद नहीं करेगी. कैप्टन अमरिंदर अपने फार्महाउस (घर) से सरकार और पार्टी दोनों को नियंत्रित कर रहे थे. 

 

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