खडूर साहिब से निर्वाचित स्वतंत्र सांसद अमृतपाल सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मामला निपटाते हुए महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए. कोर्ट ने अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर (DC) और पंजाब सरकार को आदेश दिया है कि वे अमृतपाल सिंह की ओर से संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में भाग लेने के लिए मांगी गई इंटरिम कस्टडी पैरोल पर एक हफ्ते के भीतर निर्णय लें.
अमृतपाल सिंह वर्तमान में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत 2023 से हिरासत में हैं और उन्हें असम की डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है. हालिया याचिका में उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया था कि उन्हें लोकसभा के शीतकालीन सत्र में शामिल होने के लिए अस्थायी हिरासत पैरोल दी जाए, ताकि वे अपने निर्वाचन क्षेत्र के प्रतिनिधि के रूप में सदन की कार्यवाही में हिस्सा ले सकें.
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय न्यायालय नहीं बल्कि संबंधित जिला मजिस्ट्रेट और राज्य सरकार का क्षेत्राधिकार है. इसलिए अदालत ने याचिका का निपटारा करते हुए फाइल को अमृतसर के डीसी को भेजने का निर्देश दिया है. अदालत ने कहा कि संसद का सत्र जल्द शुरू होने वाला है, ऐसे में प्रशासन को “यथासंभव शीघ्र” निर्णय लेना चाहिए ताकि मामले में अनावश्यक देरी न हो.
अदालत के इस आदेश के बाद अब गेंद पंजाब सरकार और अमृतसर डीसी के पाले में है. प्रशासन को यह तय करना होगा कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत बंद अमृतपाल सिंह को अंतरिम पैरोल देना कानून और सुरक्षा स्थिति के अनुरूप है या नहीं. आमतौर पर NSA के तहत निरुद्ध व्यक्ति को पैरोल मिलना बेहद दुर्लभ होता है, लेकिन संसद सदस्य होने के कारण यह मामला अतिरिक्त संवेदनशील माना जा रहा है.
अमृतपाल सिंह के समर्थक लगातार यह मांग उठाते रहे हैं कि एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि को संसद सत्र में भाग लेने से वंचित नहीं किया जाना चाहिए. वहीं सुरक्षा एजेंसियों का यह मानना रहा है कि अमृतपाल की रिहाई या आवाजाही से कानून-व्यवस्था पर असर पड़ सकता है.
कमलजीत संधू