खबर का असर: मोहाली में बंद पड़े अस्पताल खुले, ग्रामीण बोले- शुक्रिया आजतक

मोहाली ज़िले के गांव नयाशहर वडाला में एक आलीशान हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर है. जोकि चारों तरफ़ से रंग रोगन किया हुआ है. तक़रीबन 700 गज में इमारत बनी हुई है, लेकिन यहां पर भी कई महीनों से ताला लगा हुआ था. खासकर  कोरोना की महामारी में लोग इस हेल्थ सेंटर की तरफ टकटकी लगाकर देख रहे थे.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

सतेंदर चौहान

  • चंडीगढ़,
  • 22 मई 2021,
  • अपडेटेड 4:56 PM IST
  • ग्राउंड रिपोर्टिंग के दौरान गांव की डिस्पेंसरी पर ताला लटका मिला था
  • आजतक पर खबर दिखाए जाने के बाद खुल गए ताले

मोहाली ज़िले के गांव संते माजरा को लेकर हाल ही में आजतक ने एक खबर दिखाई थी कि किस तरीक़े से सरकारी डिस्पेंसरी पर ताला लटका हुआ था. लोग इलाज के लिए यहां पर आते थे और निराश होकर उन्हें शहर में जाना पड़ता था. लेकिन आजतक पर ख़बर दिखाए जाने के बाद यहां पर डॉक्टर भी पहुंचे हैं, ताला भी खुला है, कोरोना के सैंपल लिए जा रहे हैं और लोगों को निःशुल्क दवाई देनी भी शुरू हो गई है.  इसके अलावा डॉक्टर घर घर जाकर भी कोरोना किट पहुंचा रहे हैं.

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वहीं मोहाली ज़िले के ही गांव नयाशहर वडाला में भी एक आलीशान हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर है. जोकि चारों तरफ़ से रंग रोगन किया हुआ है. तक़रीबन 700 गज में इमारत बनी हुई है, लेकिन यहां पर भी कई महीनों से ताला लगा हुआ था. खासकर  कोरोना की महामारी में लोग इस हेल्थ सेंटर की तरफ टकटकी लगाकर देख रहे थे.

ग्राउंड रिपोर्टः पंजाबः गांवों में पहुंचा कोरोना, कई मौतों के बाद दहशत, डिस्पेंसरी पर सालों से लटका है ताला

ऐसे में जब आज तक पर इस खबर को दिखाया गया तो इसका ताला भी खुल गया और लोग अपना इलाज करवा रहे हैं, सैंपल दे रहे हैं. हैरानी की बात यह कि यहां पर भी कई लोग कोरोना पॉज़िटिव मिले हैं. अगर ये स्वास्थ्य केंद्र नहीं खुलता तो ये लोग घरों में ही और बीमार होते रहते और ये बीमारी लगातार गांव में बढ़ती ही चली जाती. 
 

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ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान डिस्पेंसरी पर ताला लटका मिला था

इसके अलावा मोहाली ज़िले के झंझेडी गांव की हालत भी बाकी गांव जैसी ही थी. यहां पर लोग सैंपल देने तो पहुंच रहे हैं साथ ही सवाल भी कर रहे हैं कि कोरोना की सैंपलिंग तो शुरू हुई, लेकिन बावजूद इसके वैक्सीनेशन का अभी तक कोई इंतज़ाम नहीं किया गया है. इस बात का जवाब डॉक्टर्स के पास भी नहीं है कि वैक्सीन क्यों नहीं है? इस गांव के लोगों ने यहां अपने आप लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया है. वहीं आजतक की ग्राउंड रिपोर्ट के बाद अब जब गांव की डिस्पेंसरी में सैम्पलिंग और बाकी स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं शुरू हो गयी हैं तो गांव वालों ने आजतक को शुक्रिया कहा है. 

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