शीतकालीन सत्र की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकतंत्र की मजबूती, विकास और संसद के दायित्वों पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि यह सत्र केवल एक औपचारिकता नहीं है बल्कि देश की प्रगति के लिए नई ऊर्जा देने वाला है. विपक्ष से उन्होंने आशा जताई कि वे सार्थक चर्चा करें तथा पराजय की बौखलाहट से ऊपर उठें.