Girls marriage age: समिति में एक महिला के सवाल पर सहस्त्रबुद्धे- पुरुष न्याय नहीं करेंगे ये सोचना गलत

सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि अगर डोपिंग से संबंधित कोई विधेयक है तो इसका मतलब ये नहीं है कि केवल खिलाड़ी ही समिति का हिस्सा होंगे. डोपिंग रोधी विधेयक के बारे में कोई विधेयक है तो इसका मतलब यह नहीं है कि केवल खिलाड़ी ही समिति का हिस्सा हो सकते हैं? यह सोचना बेमानी है कि पुरुष न्याय नहीं करेंगे.

Advertisement
विनय सहस्त्रबुद्धे. -फाइल फोटो विनय सहस्त्रबुद्धे. -फाइल फोटो

साहिल जोशी

  • नई दिल्ली,
  • 04 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 12:08 PM IST
  • टीएमसी सांसद सुष्मिता देव ने उठाया था सवाल
  • शिवसेना सांसद ने भी उपराष्ट्रपति को लिखी है चिट्ठी

लड़कियों की शादी की उम्र को बढ़ाने संबंधी कानून को लेकर एक विवाद सामने आ गया है. दरअसल, कानून को संसदीय समिति के पास भेजा गया है, चूंकि कानून महिलाओं से जुड़ा हुआ है और समिति में केवल एक महिला सांसद है. इससे जुड़े सवाल पर ससंदीय समिति के अध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि ये सिर्फ महिला से नहीं, बल्कि समाज से जुड़ा मुद्दा है.

उन्होंने कहा कि समिति विषय के अनुसार निर्णय लेती है और पार्टी सदस्यों को मनोनीत करती है. अगर वे कुछ महिला सदस्यों को वापस लेना और सुझाव देना चाहते हैं तो वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन यह पुरुष सदस्यों पर आरोप लगाने के बराबर है.

अगर डोपिंग से संबंधित कोई विधेयक है तो इसका मतलब ये नहीं है कि केवल खिलाड़ी ही समिति का हिस्सा होंगे. डोपिंग रोधी विधेयक के बारे में कोई विधेयक है तो इसका मतलब यह नहीं है कि केवल खिलाड़ी ही समिति का हिस्सा हो सकते हैं? यह सोचना बेमानी है कि पुरुष न्याय नहीं करेंगे. 

Advertisement

बता दें कि लड़कियों की शादी की उम्र को 18 से बढ़ाकर 21 साल करने संबंधी बाल विवाह निरोधक सुधार बिल 2021 को संसद की शिक्षा, महिला, बाल, युवा एवं खेल मामलों के संसदीय समिति के सामने विचार के लिए भेजा गया है. इस 31 सदस्यीय समिति में सिर्फ एक महिला टीएमसी की सांसद सुष्मिता देव शामिल हैं. देव ने ही समिति में सिर्फ एक महिला होने के सवाल को उठाया था. शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इस मामले में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को चिट्ठी लिखी है.

केंद्रीय कैबिनेट ने न्यूनतम उम्र बढ़ाने के प्रस्ताव को दी है मंजूरी

16 दिसंबर को केंद्रीय कैबिनेट ने लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. यानी अब लड़कों की तरह ही लड़िकयों की शादी की आधिकारिक उम्र 21 साल होगी. भारत में किसी को बालिग कहे जाने की उम्र 18 साल है लेकिन शादी के मामले में लड़कों की न्यूनतम उम्र 21 साल और लड़कियों की उम्र 18 साल ही रखी गई थी. 

Advertisement

विवाह की उम्र में 43 साल बाद बदलाव

देश में विवाह की उम्र में ये बदलाव 43 साल बाद किया जा रहा है. इससे पहले 1978 में ये बदलाव किया गया था. तब 1929 के शारदा एक्ट में संशोधन किया गया और शादी की उम्र 15 से बढ़ाकर 18 वर्ष की गई थी. लड़कियों के विवाह की उम्र 21 वर्ष किए जाने की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से की थी. उसी घोषणा पर सरकार अब आगे बढ़ी है. लड़कियों के विवाह की न्यूनतम उम्र क्या होनी चाहिए, इस पर जया जेटली की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन किया गया था. 


 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement