ऑपरेशन सिंदूर पर दूसरे देशों की सरकारों को ब्रीफ करने जा रहे सांसदों के प्रतिनिधिमंडल में अब शिवसेना (UBT) भी शामिल होगी. ससंदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और शिवसेना UBT अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बीच सोमवार को फोन पर हुई बातचीत के बाद पार्टी ने ये फैसला किया है. शिवसेना ने एक बयान जारी कर रहा है कि सांसद प्रियंका चतुर्वेदी पार्टी की ओर से इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगी.
शिवसेना (UBT) ने कहा है कि यह प्रतिनिधिमंडल राजनीति नहीं, आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख के बारे में है. इस बारे में आश्वस्त होने पर हमने सरकार को भी आश्वस्त किया है कि हम इस प्रतिनिधिमंडल के माध्यम से वही करेंगे जो हमारे देश के लिए सही और आवश्यक है.
पार्टी का मानना है कि पहलगाम में आतंकवादी हमले के ठीक बाद, सभी राजनीतिक दलों ने आतंकवाद, विशेष रूप से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और उनके बुनियादी ढांचे और ठिकानों को नष्ट करने में प्रधानमंत्री को समर्थन व्यक्त किया है. हम सभी आतंकवाद के खिलाफ काम कर रहे सशस्त्र बलों के साथ एकजुट हैं, इसमें कोई दो राय नहीं होनी चाहिए.
पहलगाम में आतंकी हमले पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए शिवसेना (UBT) ने यह भी कहा है कि कूटनीतिक स्थिति और पहलगाम में विफल खुफिया/सुरक्षा तंत्र के बारे में हमारी अपनी राय है, और हम अपने देश के सर्वोत्तम हित में, अपने देश के भीतर सवाल पूछते रहेंगे.
हालांकि, हमें पाकिस्तान आधारित आतंकवाद को उजागर करने के लिए वैश्विक स्तर पर एकजुट होना चाहिए, ताकि इसे अलग-थलग और नष्ट किया जा सके.
हमने केंद्र सरकार को यह भी बताया है कि हम इस मुद्दे पर एकजुट हैं, लेकिन अराजकता और कुप्रबंधन से बचने के लिए इन प्रतिनिधिमंडलों के बारे में पार्टियों को बेहतर जानकारी देने के प्रोटोकॉल का पालन किया जा सकता है.
पार्टी ने कहा कि कल कॉल आने के बाद हमने राष्ट्रीय हित की किसी भी ऐसी कार्रवाई के लिए अपना समर्थन दोहराया है.
हमने इस पर आवाज़ उठाने और पहलगाम से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक पर चर्चा करने के लिए जल्द से जल्द प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की भी मांग की है. हम आतंकवाद के खिलाफ़ अपनी लड़ाई में एकजुट हैं.
बता दें कि सोमवार को किरेन रिजिजू ने तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी से भी बात की थी. इसके बाद पार्टी डायमंड हार्बर के सांसद अभिषेक बनर्जी को इस डिलिगेशन में भेजने पर राजी हो गई थी. इससे पहले टीएमसी की ओर से सांसद यूसुफ पठान को डिलिगेशन में शामिल होने का मौका दिया गया था. लेकिन सांसद यूसुफ पठान ने डिलिगेशन में शामिल होने से इनकार कर दिया था.
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