'मुगलों के योगदान को हम नहीं हटाना चाहते...', शहरों के नाम बदलने पर बोले अमित शाह

अमित शाह ने दावा किया कि त्रिपुरा में एक बार फिर बीजेपी की सरकार बन रही है. शाह ने कहा कि इस बार बीजेपी की ज्यादा सीटें आएंगी और वोट प्रतिशत भी बढ़ेगा. एक इंटरव्यू में शाह ने पीएफआई, अडानी, बीजेपी में परिवारवाद, राहुल गांधी की छवि, बीबीसी डॉक्यूमेंट्री समेत तमाम मुद्दों पर बात की.

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अमित शाह (फाइल फोटो- एएनआई) अमित शाह (फाइल फोटो- एएनआई)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 12:26 PM IST

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया है कि इस बार भी त्रिपुरा में बीजेपी की सरकार बनेगी. अमित शाह ने कहा कि इस बार बीजेपी का त्रिपुरा में सबसे अच्छा प्रदर्शन होगा. बीजेपी इस बार पिछली बार से ज्यादा सीटें जीतेगी और हमारा वोट प्रतिशत भी बढ़ेगा. इतना ही नहीं अमित शाह ने दावा किया कि इस साल होने वाले चुनावों में कर्नाटक, मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनेगी. 

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समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने त्रिपुरा विधानसभा चुनाव, पीएफआई, बीजेपी में परिवारवाद, राहुल गांधी छवि, खालिस्तान, हिंडनबर्ग-अडानी विवाद, बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर बैन, जी-20 समिट की अध्यक्षता और शहरों के नाम बदलने जैसे मुद्दों पर बात की. इस दौरान शाह ने कहा, इस बार बीजेपी से त्रिपुरा में सभी पार्टियां भयभीत हैं. यही वजह है कि राज्य में लेफ्ट पार्टी भी इस बार कांग्रेस के साथ आ गई है. 

हम मुगलों के योगदान को हटाना नहीं चाहते- अमित शाह

जब शहरों के नाम बदलने को लेकर अमित शाह से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, हम मुगलों के योगदान को नहीं हटाना चाहते हैं. न ही किसी के योगदान को हटाना चाहते हैं. लेकिन इस देश की परंपरा को अगर कोई स्थापित करना चाहते हैं तो इसमें कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. हमने एक भी शहर ऐसा नहीं है, जिसका नाम पुराना हो और हमने नाम बदला हो. हमने बहुत सोच समझकर हमारी सरकारों ने फैसला किया है. राज्यों के पास इसका वैधानिक अधिकार है.  
 

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बिप्लब देब को हटाया नहीं, उनका प्रमोशन हुआ- अमित शाह 

अमित शाह से जब पूछा गया कि त्रिपुरा के पूर्व सीएम बिप्लब देब को हटाकर माणिक साहा को सीएम बनाया गया, क्या आपको उन पर भरोसा नहीं था. इस पर अमित शाह ने कहा कि सभी पार्टियों का एक सिस्टम होता है. बीजेपी में भी जब केंद्रीय राजनीति में नेताओं की जरूरत होती है, तो उन्हें राज्यों से लेकर आया जाता है. 

अमित शाह ने कहा, हम बिप्लब देब को राज्यसभा लेकर आए, हमें उन्हें राष्ट्रीय मंत्री बनाया. दिल्ली से सटे हरियाणा राज्य का प्रभारी बनाया. मैं इसे प्रमोशन के तौर पर देखता हूं. बिप्लब देब बीजेपी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर काम कर रहे हैं. इसके साथ ही वे त्रिपुरा में माणिक साहा की मदद कर रहे हैं.

हमने त्रिपुरा में हिंसा खत्म की- अमित शाह

अमित शाह ने कहा, हमने त्रिपुरा से हिंसा को खत्म कर दिया. इतना ही नहीं हम ड्रग्स का काम करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई कर रहे हैं. आज नॉर्थईस्ट में शांति है. हमारी सरकार ने उग्रवादियों से एग्रीमेंट किए हैं. 8000 से ज्यादा उग्रवादियों ने सरेंडर कर दिया. नॉर्थईस्ट के इलाके को पहले बंद के लिए जाना जाता था, आज वहां विकास हो रहा है. 

अमित शाह ने बताया कि पिछले 9 साल में पीएम मोदी ने नॉर्थ ईस्ट का 51 बार दौरा किया. आजादी के बाद कोई भी प्रधानमंत्री इतनी बार नॉर्थ ईस्ट नहीं गया. पिछले 9 वर्षों में, पूर्वोत्तर की स्थानीय भाषाएं मजबूत हुई हैं, प्राथमिक शिक्षा भी क्षेत्रीय भाषाओं में दी जा रही है. बीजेपी सरकार ने पूर्वोत्तर की पहचान को मजबूत किया है. 

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हमने पीएफआई पर बैन लगाया- अमित शाह

अमित शाह ने कहा कि हमने पीएफआई पर बैन लगाया है. मैंने पिछले दिनों कहा था कि कांग्रेस ने पीएफआई कैडर के खिलाफ लगे अलग अलग केसों को खत्म करने का प्रयास किया. कोर्ट ने इसपर रोक भी लगाई. मैंने सच बोला है, इसमें पता नहीं कांग्रेस नेताओंं को बुरा क्यों लग रहा है. हमने कठोरता से पीएफआई पर बैन लगाया है. इसका किसी ने कोई विरोध नहीं किया. 

अमित शाह ने कहा कि मैंने पुत्तूर तालुक में भारत माता मंदिर का उद्घाटन किया. इससे अगर किसी को परेशानी होती है, तो मैं उसका स्वागत करता हूं. कर्नाटक में बीजेपी की सरकार बन रही है. मैं पिछले 2 महीने में 5 बार कर्नाटक गया हूं, वहां हमारी सरकार पूर्ण बहुमत में बन रही है. 

बीजेपी में परिवारवाद पर क्या बोले अमित शाह?

अमित शाह ने कहा, हमारी पार्टी में दूसरी और पीढ़ी के नेता हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का बेटा राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेगा, या पूरा परिवार सांसद या विधायक बन जाएगा. परिवारवाद को लेकर ये कैसी तुलना है?


अडानी विवाद पर अमित शाह ने कही ये बात

जब शाह से पूछा गया कि कांग्रेस ने मित्रता को लेकर बीजेपी पर सवाल खड़े किए हैं. आप की सरकार पर अडानी की मदद करने का आरोप लग रहा है. इस पर अमित शाह ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है. सांसद होने के नाते ऐसे में मेरा बोलना ठीक नहीं है. लेकिन बीजेपी के पास कुछ भी छिपाने के लिए नहीं है. न ही हमें डरने की जरूरत है. 

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सत्य नहीं छिप सकता- अमित शाह

अमित शाह से जब पूछा गया कि विपक्ष बीजेपी पर बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर बैन, हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर निशाना साध रहा है. इस पर शाह ने कहा कि सत्य जो होता है, इस पर कोई साजिश रच लो, यह सूर्य की भांती ही चमक कर बाहर आता है. ये लोग 2002 से ही मोदी पर इस तरह के हमले कर रहे हैं. लेकिन हर बार पीएम मोदी को जनता का प्यार और आशीर्वाद मिला. मोदी जी हर बार और मजबूत और लोकप्रिय होकर उभरे. 

मध्यप्रदेश में क्या जनता बीजेपी से ऊब गई है?

शाह से पूछा गया कि कांग्रेस कह रही है कि मध्यप्रदेश में जनता बीजेपी से ऊब गई है. इस पर अमित शाह ने कहा, ऐसा लोग गुजरात में भी बोलते थे. लेकिन वहां क्या हुआ? जनता मोदी जी की लोकप्रियता का स्वागत करती है. मोदी जी ने देश को जहां पहुंचाया है, उसका जनता स्वागत करती है. देश की अर्थव्यवस्था, विकास, सुरक्षा को लेकर जो कदम उठाए गए हैं, जनता उनका स्वागत करती है. 

अमित शाह ने कहा, पीएम मोदी के शासन में जी-20 की अध्यक्षता भारत को मिली है. उस तरह से उसका श्रेय पीएम मोदी को मिलना चाहिए. यह बहुत बड़ी उपलब्धि है. हम इसे देश के हर राज्य में ले जा रहे हैं. अगर इसका आयोजन ठीक ढंग से होता है, तो इसका श्रेय पीएम मोदी को ही मिलेगा. 

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मार्केटिंग के सवाल पर क्या बोले अमित शाह?

जब अमित शाह से पूछा गया कि बीजेपी पर हर चीज को गा बजाकर पेश करने का आरोप लगता है, इस पर शाह ने कहा, अगर प्रोडक्ट अच्छा है तो उसे गाजे बाजे के साथ मार्केट करना ही चाहिए. PM मोदी का काम देश और दुनिया के सामने गौरव के साथ रखा जाना चाहिए. ये पूरे भारत का गौरव है. 

क्या राहुल की बदली छवि से बीजेपी डर रही है?

अमित शाह से जब पूछा गया कि कांग्रेस का दावा है कि भारत जोड़ो यात्रा के बाद राहुल गांधी की छवि बदली है, इससे बीजेपी डर रही है. इस पर अमित शाह ने कहा, यह उनका विचार है. लेकिन मैं नहीं मानता, कि जनता इसे मानती है. 

संसद में राहुल की टिप्पणियों को रिकॉर्ड से हटा देने पर अमित शाह ने कहा कि पहली बार एक्सपंज नहीं हुआ है. संसद की कार्यवाही एक्सपंज वाक्यों से भरी पड़ी है. संसद में नियमों के हिसाब से बहस करनी होती है, संसदीय भाषा में करनी होती है. 

क्या खालिस्तान पर कनाडा, यूके से बात जारी है? 

अमित शाह ने कहा, पहले भी ऐसी चर्चाएं चलती रही हैं. लेकिन खालिस्तान पर हम नजर बनाए हुए हैं, हम इसे पनपने नहीं देंगे. खालिस्तान पर कनाडा, यूके से बात करने के सवाल पर शाह ने कहा कि टीवी चैनल पर इंटरव्यू में इस तरह के मुद्दों पर बात करना आंतरिक सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है. 

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