शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत (Shiv sena Leader Sanjay Raut) ने बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि गोवा में विपक्ष के नेताओं की फोन टैपिंग हो रही है. एमजीपी नेता (MGP leader) सुदीन धवलीकर, गोवा फॉरवर्ड के विजय सरदेसाई, कांग्रेस नेता दिगंबर कामत और गिरीश चोडनकर के फोन टैप किए जा रहे हैं.
संजय राउत ने कहा कि जिस तरह से महाराष्ट्र के नेताओं के फोन टैप किए गए, वही फोन सर्विलांस का पैटर्न गोवा में दोहराया जा रहा है. देश जानना चाहता है कि इस टैपिंग के पीछे कौन हैं गोवा की 'रश्मि शुक्ला'? आगे संजय राउत ने कहा कि इस देश में जो विपक्ष के नेता हैं और खासकर जहां-जहां चुनाव हो रहे हैं वहां के बहुत से नेताओं के फोन टैप किए जा रहे हैं.
गोव्यात फोन टॅपिंग चा महाराष्ट्र पॅटर्न.
सुदिन ढवळीकर,विजय सरदेसाई दिगंबर कामत गिरीश चोडणकर... यांचे फोन टॅपिंग सुरू आहे ...
गोव्यातील रश्मी शुक्ला कोण?
The way phones of Maharashtra leaders were tapped,same Pattern of Phone surveillance is being replicatd in Goa. Calls of @SudinDhavalikar, @VijaiSardesai @digambarkamat & @girishgoa are being tapped.
Nation wants to know : Who is the 'Rashmi Shukla' of Goa behind this tapping?
बता दें कि महाराष्ट्र में फोन टैपिंग मामले में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला के खिलाफ हाल ही में दूसरी एफआईआर दर्ज की गई है. उनके खिलाफ दक्षिण मुंबई के एक पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज हुई. पहली प्राथमिकी कोलाबा पुलिस थाने में दर्ज कराई गई थी.
रश्मि शुक्ला जब महाराष्ट्र के राज्य खुफिया विभाग (एसआईडी) की प्रमुख थीं तब कथित रूप से फोन टैपिंग कराई गई थी. उस वक्त सूबे में बीजेपी की सरकार थी और कांग्रेस नेता नाना पटोले के फोन कथित रूप से टैप करने के संबंध में पुणे पुलिस ने रश्मि शुक्ला के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी.
इससे पहले कांग्रेस ने बीजेपी और राज्य प्रशासन पर फोन टैपिंग का आरोप लगाया था. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश चोडनकर ने कहा कि बीजेपी द्वारा हमारी पार्टी के नेताओं के फोन एक निजी एजेंसी द्वारा टैप किए जा रहे हैं.
चोडनकर ने कहा कि कर्नाटक में सरकार गिराने के बाद पता चला कि इसमें जासूसी शामिल थी. 10 मार्च को विधानसभा चुनाव के नतीजे से पहले संभावित दलबदल को लेकर स्वतंत्र उम्मीदवार और बीजेपी के लोग भी कांग्रेस पार्टी नेतृत्व के संपर्क में हैं. चोडनकर ने यह भी कहा कि निजता का अधिकार एक मौलिक अधिकार है और किसी को भी अवैध रूप से फोन टैप करने का अधिकार नहीं है.
कमलेश सुतार