नरेंद्र मोदी सरकार के पिछले 2 साल में कितना बदला देश का राजनीतिक नक्शा

नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा साल 30 मई को पूरा होना जा रहा है. मोदी के केंद्र की सत्ता पर आसीन होते ही बीजेपी के अच्छे दिन आ गए और एक के बाद एक राज्य में पार्टी का सियासी ग्राफ बढ़ता चला गया. पिछले दो सालों में देश के 10 राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिनमें से बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को केवल चार राज्यों में जीत मिली है. इसके बावजूद 18 राज्यों में बीजेपी या उसके सहयोगी दल की सरकार हैं.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

कुबूल अहमद

  • नई दिल्ली ,
  • 28 मई 2021,
  • अपडेटेड 9:14 AM IST
  • मोदी के पीएम बनने के बाद बीजेपी का ग्राफ चढ़ा
  • 2019 के बाद 10 राज्यों के चुनाव में 4 बीजेपी जीती
  • 2014 से अब तक 30 विधानसभा चुनाव हुए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के सात साल पूरा होने जा रहे हैं. जबकि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा साल 30 मई को पूरा होने जा रहा है. मोदी के केंद्र की सत्ता पर आसीन होते ही बीजेपी के अच्छे दिन आ गए और एक के बाद एक राज्य में पार्टी का सियासी ग्राफ बढ़ता चला गया. मौजूदा समय में बीजेपी देश के आधे से ज्यादा राज्यों में सरकार चला रही है या फिर सहयोगी दल के तौर पर सरकार में शामिल है. 

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लोकसभा चुनाव 2019 के बाद अब तक के देश में 10 राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिनमें से बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को केवल चार राज्यों में जीत मिली है. वहीं, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है. लेकिन बीजेपी असम में सत्ता बचा पाई और पुडुचेरी में जीत की ओर कदम बढाया है और सरकार में सहयोगी दल बनी है. 

मोदी के केंद्र की सत्ता में 2014 के आने के बाद एक-एक कर राज्य की सियासी जंग बीजेपी फतह करने में जुट गई. बीजेपी का सियासी उफान मार्च 2018 तक था, जब देश के 21 राज्यों में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की सरकार थी. इस तरह से देश के 71 फीसदी आबादी और 80 फीसदी क्षेत्र पर बीजेपी या उसके सहयोगी दल काबिज थे. इसकी तुलना अक्सर इंदिरा गांधी के दौर से की जाती है, लेकिन अब संख्या घटकर 18 हो गई है. बीजेपी इन डेढ़ दर्जन राज्यों में अपने दम पर सरकार चला रही है या सहयोगी के तौर पर है. 

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नरेंद्र मोदी और अमित शाह

साल 2019 में बीजेपी को लगा झटका
2019 का साल चुनावी साल था. देश के आम चुनाव के साथ आंध्र प्रदेश, सिक्किम, ओडिशा और अरुणाचल प्रदेश में चुनाव हुए. बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में पिछली बार से ज्यादा सीटें जीतकर सबके हैरान कर दिया था, लेकिन राज्यों के चुनाव में उसे सिर्फ अरुणाचल में ही सत्ता मिली. 2019 के आखिर में हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव हुआ तो बीजेपी को बड़े झटके लगे. 

महाराष्ट्र में शिवसेना अलग हो गई, चुनाव नतीजों के कई दिनों बाद तक राजनीतिक ड्रामा चला. बीजेपी की सरकार भी बनी, लेकिन दो दिन में गिर गई. अंतत: शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी ने सरकार बना ली. वहीं, हरियाणा में बीजेपी बहुमत का आंकड़ा नहीं छू पाई, जिसके चलते दुष्यंत चौटाला की जेजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाया. झारखंड में बीजेपी की करारी हार हुई और सत्ता गवांनी पड़ गई. हालांकि, साल 2018 में कर्नाटक की सत्ता बीजेपी ने गवां दी थी, लेकिन एक साल के बाद बीजेपी ने 'ऑपरेशन लोट्स' के जरिए उससे छीनने में कामयाब रही. 

साल 2020 में हुए चुनाव नतीजे
साल 2020 की शुरुआत ही दिल्ली के विधानसभा चुनाव के साथ हुए. नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ जारी आंदोलन के साये में हुए दिल्ली में चुनाव में बीजेपी ने एड़ी चोटी का अपना जोर लगाने के बाद भी अरविंद केजरीवाल को मात नहीं दे सकी. दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने दो तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाने में कामयाब रही, लेकिन 2015 के तुलना में बीजेपी 3 सीटों से बढ़कर 8 पर पहुंच गई. 

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नरेंद्र मोदी

वहीं, बीजेपी ने 2018 में मध्य प्रदेश में अपनी सत्ता गवां दी थी, लेकिन 15 महीने के बाद भी शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व  में बीजेपी दोबारा से कांग्रेस के हाथों सत्ता छीनने में कामयाब रही. हालांकि, बीजेपी की सरकार बनवाने में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया की अहम भूमिका रही. इसके अलावा नंवबर 2020 में बिहार में विधानसभा चुनाव हुए, जहां बीजेपी के बदौलत एनडीए सत्ता बचाने में सफल रहा. बिहार में बीजेपी को 2015 से ज्यादा सीटें मिली जबकि जेडीयू को कम. इसके बाद भी बीजेपी ने सीएम की कुर्सी नीतीश कुमार को सौंप दी. 

2021 में पूर्वोत्तर के दुर्ग सुरक्षित
इस साल कोरोना संकट के बीच देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिनमें केरल, असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और पुडुचेरी शामिल थे. बीजेपी ने इन पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा ताकत पश्चिम बंगाल में टीएमसी को मात देने में लगाया था, लेकिन ममता बनर्जी के हाथों से सत्ता नहीं छीन सकी. हालांकि, बीजेपी का सियासी ग्राफ बंगाल में बढ़ा है और पार्टी 3 सीटों से बढ़कर 74 पर पहुंच गई है. वहीं, असम में बीजेपी अपनी सत्ता बचाने में कामयाब रही तो पुडुचेरी में सहयोगी दल के तौर पर सरकार में शामिल है.

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सात साल में 30 विधानसभा चुनाव

बता दें कि मई 2014 में नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी केंद्र सत्ता में आई. इसके बाद के अब तक 30 विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिनमें से बीजेपी के अगुवाई वाली एनडीए ने 17 राज्यों में अपनी सरकारें बनाईं. मार्च 2018 में त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में सरकार बनाकर एनडीए का सियासी ग्राफ 21 राज्यों में पहुंच गया था. यही बीजेपी और उसके गठबंधन एनडीए का पीक था. 

मार्च 2018 के बाद से बीजेपी का विजय रथ कर्नाटक से रुकना शुरू हुआ. कर्नाटक में मई 2018 में चुनाव हुए. भाजपा के येदियुरप्पा ने शपथ भी ले ली, लेकिन बहुमत नहीं होने की वजह से इस्तीफा देना पड़ा. हालांकि बाद में सरकार बनाने में सफल रही. ऐसे ही 2019 में महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस ने भी शपथ ले ली थी, लेकिन बाद में इस्तीफा देना पड़ा. 

वहीं, 2014 के बाद जिन राज्यों में बीजेपी की सरकारें रही है, उनमें गुजरात, गोवा, अरुणांचल, असम और बिहार में ही सरकार बची है जबकि बाकी राज्यों में उसे मात खानी पड़ी है. इसी तरह दिसंबर 2018 में जब मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विधानसभा चुनाव हुए, तो भाजपा के हाथ से ये तीनों राज्य फिसल गए. हालांकि, बाद में मध्य प्रदेश की सत्ता बीजेपी छीनने में कामयाब रही है. इस तरह से देश के आधे से ज्यादा राज्यों में अभी भी बीजेपी का सियासी वर्चस्व पूरी तरह से कायम है.

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