चार राज्यों की 16 राज्यसभा सीटों के चुनावी नतीजे आ चुके हैं. राजस्थान में जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जादू से कांग्रेस ने कमाल, वहीं हरियाणा में निर्दलीय के आगे कांग्रेस फेल हो गई. इधर, महाराष्ट्र में बीजेपी ने महा विकास अगाड़ी को बड़ा झटका दिया. कर्नाटक में भी बीजेपी का प्रदर्शन गुड-गुड रहा.
राजस्थान की बात करें तो कांग्रेस अपनी तीनों सीट जीतने में कामयाब रही. राजस्थान में कांग्रेस से प्रमोद तिवारी, रणदीप सुरजेवाला और मुकुल वासनिक जीते, जबकि बीजेपी के एकमात्र उम्मीदवार घनश्याम तिवारी ने कामयाबी हासिल की. बीजेपी समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा चुनाव हार गए. राजस्थान की चार सीटों पर चुनाव में पांच उम्मीदवार मैदान में थे.
आंकड़े के लिहाज से कांग्रेस की दो और बीजेपी की एक सीट पक्की थी. कांग्रेस ने तीसरे प्रत्याशी के तौर पर प्रमोद तिवारी को उतार दिया. प्रमोद को टक्कर देने के लिए सुभाष चंद्रा ने निर्दलीय नामांकन किया. सुभाष चंद्रा क्रॉस वोटिंग के जरिए जीत का दावा कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस आंकड़े अपने पक्ष में बताकर तीनों सीटों पर जीत का दावा करती आ रही थी. आखिरी वक्त में कांग्रेस ने बीजेपी के एक वोट में में सेंध लगाकर जीत हासिल की. वहीं, गहलोत ने चुनाव से कई दिन पहले ही कह दिया था कि उनके पास पूरे 126 मतों का आंकड़ा है. कांग्रेस के तीनों प्रत्याशियों की जीत पक्की है. इन तीनों को कुल 126 वोट भी मिले. रणदीप सिंह सुरजेवाला को 43, मुकुल वासनिक को 42 और प्रमोद तिवारी को 41 वोट मिले.
महाविकास अघाड़ी को बीजेपी ने दिया झटका
राज्यसभा चुनाव में महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी को बीजेपी ने तगड़ा झटका दिया है. बीजेपी के तीनों उम्मीदवारों पीयूष गोयल, अनिल बोंडे और धनंजय महादिक ने जीत हासिल की, जबकि शिवसेना से संजय राउत, एनसीपी से प्रफुल्ल पटेल और कांग्रेस से इमरान प्रतापगढ़ी जीते. महाराष्ट्र की छह सीटों पर सात उम्मीदवार थे. छठी सीट के लिए शिवसेना के संजय पवार और बीजेपी के धनंजय महादिक में मुकाबला कांटे का था. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिए ये प्रतिष्ठा की लड़ाई थी लेकिन वो अपने उम्मीदवार जितान में नाकाम रहे.
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नतीजे से पहले दोनों खेमों में जबरदस्त खींचतान देखी गई. कांग्रेस ने चुनाव आयोग के बीजेपी विधायक सुधीर मुनगंटीवार और निर्दलीय रवि राणा का वोट रद्द करने की मांग की तो बीजेपी ने एनसीपी के जितेंद्र आव्हाड, कांग्रेस की यशोमति ठाकुर और शिव सेना के सुहास कांदे की वोटिंग रद्द करने की मांग की. लेकिन चुनाव आयोग ने सिर्फ सुहास कांदे के वोट को ही रद्द किया. आधी रात को करीब एक बजे दोबारा वोटों की गिनती शुरू हुई, सुबह जब नतीजे आए तो बीजेपी के खेमे में खुशी थी और शिव सेना खेमा निराश था.
इधर, चुनावी नतीजे पर एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि नतीजे कुछ इस तरह ही आएंगे, ऐसा अंदेशा शुरू से था. निर्दलीयों के वोट विपक्ष को मिले. देवेंद्र फडणवीस ने अलग-अलग तरीके अपनाकर ये सबकुछ किया. राजनीति में रिस्क लेना जरूरी होता है, उद्धव ठाकरे ने रिस्क उठाया भी. चुनाव प्रक्रिया के बीच बीजेपी की ओर से कोई बातों पर आपत्ति जताई गई, जिससे नतीजे आने में कई घंटे लगे.
हरियाणा में कांग्रेस की किरकिरी
राज्यसभा चुनाव में हरियाणा में कांग्रेस को किरकिरी का सामना करना पड़ा. पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के जाने-माने नेता अजय माकन यहां राज्यसभा चुनाव हार गए. निर्दलीय और बीजेपी समर्थित उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा चुनाव जीत गए हैं. हरियाणा की दो सीटों पर राज्यसभा का चुनाव हुआ था. कार्तिकेय शर्मा के अलावा बीजेपी के कृष्ण लाल पंवार ने जीत हासिल की.
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रिटर्निंग ऑफिसर आरके नंदल ने बताया कि कृष्ण लाल पंवार को 36 वोट मिले, जबकि कार्तिकेय शर्मा को 23 पहली वरीयता के वोट मिले और 6.6 बीजेपी से ट्रांसफर हो गए, जिससे उनकी संख्या 29.6 हो गई. वहीं, माकन को 29 वोट मिले, लेकिन दूसरी वरीयता के वोट नहीं मिलने के कारण वो हार गए.
कर्नाटक में जेडीएस का खाता भी नहीं खुल सका
वहीं, कर्नाटक में बीजेपी अपनी तीनों सीट जीतने में कामयाब रही. बीजेपी से निर्मला सीतारमण, जग्गेश और लहर सिरोहा चुनाव जीते, जबकि कांग्रेस से जयराम रमेश ने जीत हासिल की. पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा की जेडी-एस का खाता भी नहीं खुल सका. जनता दल (सेक्युलर) के दो विधायक- श्रीनिवास गौड़ा और श्रीनिवास गुब्बी ने पार्टी से खिलाफ जाकर कांग्रेस को वोट दिया था. जेडीएस प्रमुख एचडी कुमारस्वामी ने बाद में इस बात की पुष्टि की थी कि पार्टी के 32 में से दो विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है.
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