चुनाव रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर (पीके) 2 अक्टूबर को जनसुराज के राजनीतिक दल के रूप में सियासी आगाज का आधिकारिक ऐलान करने वाले हैं. पीके पहले ही यह ऐलान कर चुके हैं कि जनसुराज 2025 के बिहार चुनाव में सभी 243 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी. अब पीके बिहार चुनाव की मुख्य परीक्षा से पहले प्रीलिम्स में दम दिखाने की तैयारी में हैं. पीके पार्टी बनाने के बाद बिहार चुनाव से पहले इम्तिहान के लिए चार विधानसभा सीटों के उपचुनाव में उम्मीदवार उतारेंगे.
पीके ने बिहार के आरा में सभी चार सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान करते हुए कहा कि अगर हम ये सभी सीटें जीतते हैं तो 2025 के चुनाव नतीजे 2024 में ही खुद-ब-खुद तय हो जाएंगे. उन्होंने कैमूर जिले के भभुआ पहुंचकर रामगढ़ उपचुनाव के लिए प्रत्याशी, जनसुराज की आगे की रणनीति को लेकर लोगों से संवाद भी किया. उपचुनाव को लेकर एक्टिव पीके की आरजेडी के गढ़ में अग्निपरीक्षा होगी.
रामगढ़ सीट आरजेडी का गढ़
कैमूर जिले की रामगढ़ सीट बिहार आरजेडी के अध्यक्ष जगदानंद सिंह की परंपरागत सीट है. इस सीट से जगदानंद सिंह के बाद उनके पुत्र सुधाकर सिंह विधायक थे. 2020 में आरजेडी के टिकट पर रामगढ़ से विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए सुधाकर सिंह हालिया आम चुनाव में बक्सर सीट से सांसद निर्वाचित हुए थे. सुधाकर के इस्तीफे से रिक्त हुई इस सीट पर उपचुनाव में पीके की अग्निपरीक्षा होगी. शायद पीके भी समझ रहे हैं कि आरजेडी का रामगढ़ किला भेदना आसान नहीं और यही वजह है कि उन्होंने इस सीट के लिए खुद रणनीति बनाने का ऐलान किया है.
यह भी पढ़ें: बिहार चुनाव में 40 मुसलमान कैंडिडेट उतारेगी प्रशांत किशोर की पार्टी, मंच से PK का ऐलान
रामगढ़ की चुनावी फाइट पर पीके ने क्या कहा
पीके ने कैमूर जिले के भभुआ में कहा कि रामगढ़ उपचुनाव में जनसुराज उम्मीदवार उतारेगी. उन्होंने जीत का विश्वास जताया और कहा कि कैमूर की ज्यादातर सीटों पर अब तक कुछ ही परिवार के लोग चुनाव लड़ते और जीतते आए हैं. अबकी बार चुनाव में प्रशांत किशोर खुद आकर जन सुराज के उम्मीदवार के लिए रणनीति बनाएंगे और विजयी बनाकर विधानसभा भेजेंगे. पीके ने परिवारवाद को लेकर तंज करते हुए कहा कि अब रामगढ़ की जनता किसी नेता के बेटे के लिए नहीं बल्कि अपने बच्चों के लिए वोट करेगी.
यह भी पढ़ें: प्रशांत किशोर का 'बिहार प्लान' एनडीए और महागठबंधन में किसे और कहां-कहां चोट करेगा?
इन चार सीटों पर होने हैं उपचुनाव
बिहार की जिन चार सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें रामगढ़ के साथ ही तरारी, बेलागंज और इमामगंज शामिल हैं. इमामगंज सीट गया से सांसद निर्वाचित होने के बाद जीतनराम मांझी के इस्तीफे की वजह से रिक्त हुई है. पूर्व मुख्यमंत्री मांझी की पार्टी बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए में है. बाकी तीनों सीटों से 2020 के बिहार चुनाव में विपक्षी महागठबंधन के उम्मीदवारों को जीत मिली थी. बेलागंज से आरजेडी के सुरेंद्र यादव और तरारी से भाकपा-माले के सुदामा प्रसाद जीते थे. सुरेंद्र यादव जहानाबाद और सुदामा प्रसाद आरा सीट से सांसद निर्वाचित हो चुके हैं.
aajtak.in