प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी राज्य कर्नाटक के कार्यकर्ताओं को नमो ऐप के जरिए संबोधित किया. पार्टी वर्कर्स को जीत का मंत्र देते हुए एक तरफ पीएम ने उन्हें बूथ लेवल पर काम करने की टेक्निक बताई तो वहीं यह भी बताया कि किस तरह लोगों के दिलों तक पहुंचना है. संबोधन के दौरान पीएम मोदी से कर्नाटक के एक बीजेपी कार्यकर्ता विरुप कक्षपा ने पूछा,'मैं अपना बूथ जीतकर अपनी पार्टी की जीत को और मजबूत करना चाहता हूं. कुछ बूथ हमेशा से दूसरी पार्टियों के किले रहे हैं, ऐसे में अगले 10 दिन में क्या करें कि इस बार हमारी पार्टी ये बूथ जीत सके?'
1. दस-दस कार्यकर्ताओं की जोड़ी बनाइए
पीएम मोदी ने बूथ लेवल पर काम करने का सही तरीका बताते हुए कहा,'बूथ जीतना है तो सबसे पहले एक काम कीजिए. आपके जैसे ही कर्मठ और विश्वास से भरे 10 महिला और 10 पुरुष कार्यकर्ताओं की एक जोड़ी बनाइए. कर्नाटक के उज्ज्वल भविष्य के लिए आपके मोबाइल में इस बात की सारी जानकारी होनी चाहिए कि भाजपा की केंद्र सरकार और भाजपा की राज्य सरकार लोगों के विकास के लिए क्या काम कर रही है. ये सारी बातें आपके दिलों-दिमाग में भी होनी चाहिए. लोगों को घर के बाहर ही पंफ्लेट देकर मत निकलिए. बल्कि उनके घर जाकर उनसे बात कीजिए. इसके अलावा उन्हें हमारी पार्टी के अच्छे कामों के बारे में भी बताइए.'
2. परिवारों के दिलों को जीतना होगा
उन्होंने आगे कहा,'बूथ जीतने की शुरुआत तब होती है, जब कार्यकर्ता बूथ से जुड़े सारे परिवारों के दिलों को जीत लेता है. लोगों से कई स्तर पर चर्चा कर सकते हैं. दुनिया के कई हिस्सों में अर्थव्यवस्था की हालत खराब है, लेकिन हमने कई स्तरों पर अर्थव्यवस्था को मजबूती से संभाल रखा है. दुनिया के कई देश कोरोना से लड़ाई में पस्त हो गए, लेकिन भारत ने सफलता पूर्वक कोरोना से लड़ाई लड़ी है. आज देश गरीबी के खिलाफ लड़ रहा है, इंफ्रास्ट्रक्चर पर रिकॉर्ड निवेश कर रहा है. किसानों को लाखों करोड़ रुपए किसान सम्मान निधि भेजकर उन्हें ब्याजखोरों से बचा रहा है.'
3. सरकार के अच्छे कामों को गिनाएं
कर्नाटक को लेकर बीजेपी की आगामी योजना पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा,'गरीब, महिला, दलित, नौजवान जो भी हों. इनके लिए जो हमारी सरकार ने काम किए हैं. इसकी सारी जानकारी आपनके पास होनी चाहिए. जब कार्यकर्ता यह जानकारी लेकर घरों में जाएंगे बुजुर्ग लोगों को प्रणाम कीजिए बच्चों को प्यार दीजिए. सारी बातें उनसे सुनिए. आने वाले 25 साल में कर्नाटक की विकास यात्रा को नेतृत्व देने के लिए भाजपा एक युवा टीम का निर्माण कर रही है. हमरी कोशिश है कि कर्नाटक में बेंगलुरु जैसे अनेकों हब बन सकें. आप अपने बूथ के फर्स्ट प्राइम वोटर्स से भी जरूर मिलिए.'
4. डबल इंजन की सरकार के फायदे बताएं
प्रधानमंत्री ने डबल इंजन की सरकार का फायदा बताते हुए कहा,'लोगों को इस बारे में भी बताइए कि जहां डबल इंजन की सरकार नहीं है, वहां क्या स्थिति है. बीते 9 सालों में देश का अनुभव रहा है कि जहां-जहां भाजपा की डबल इंजन सरकार है. वहां-वहां गरीब कल्याण योजनाएं तेजी से जमीन पर उतरी हैं. जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार नहीं है. वहां केंद्र सरकार की योजनाओं को फेल करने की कोशिशें होती हैं. कुछ राज्य तो योजनाओं से जुड़ते ही नहीं हैं. जबकि कुछ राज्य उसमें स्टीकर नया लगा देते हैं. वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना के लिए सुप्रीम कोर्ट को निर्देश देना पड़ा. यह भी लोगों को बताइए.'
5. सम्मान निधि से किसानों को मिला लाभ
किसानों तक पहुंचने का रास्ता बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,'किसान सम्मान निधि में कर्नाटक सरकार 4 हजार अपनी तरफ से जोड़ रही है. केंद्र सरकार 6 हजार रुपए दे रही है. यानी किसान को 10 हजार रुपए मिल रहे हैं. यह डबल लाभ हुआ. यह सब बातें लोगों से बात करके उन्हें समझाइए. उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी सिर्फ 5 साल के लिए नहीं है. हम सत्ता के लिए बल्कि देश के लिए सोचते हैं. हम 25 साल में भारत को कहां ले जाएंगे इस सपने को साकार करने के लिए काम कर रहे हैं. जब भाजपा को सेवा को मौका मिलता है तो विकास की स्पीड और स्केल दोनों बढ़ जाती है. 2014 से पहले की योजनाओं में एक घर बनने में 300 दिन लगते थे, हमारी योजना में 100 दिन से भी कम समय में घर बन रहे हैं. पहले घर का आकार 20 वर्ग मीटर होता था, अब घर का आकार 25 वर्ग मीटर होता है. पहले की योजना में एक घर को 70-75 हजार रुपये की मदद दी जाती थी, आज ये मदद 1 लाख 30 हजार रुपये कर दी गई है.'
रेवड़ी कल्चर पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेवड़ी कल्चर पर निशाना साधते हुए कहा कि मुझसे कर्नाटक में पूछा गया कि कांग्रेस ने हर जगह मुफ्त रेवड़ियों का वादा किया है. मुफ्त के वादे की राजनीति पर आपका क्या कहना है? मुझे तो पहले अच्छा लगा कि यहां के लोग रेवड़ियों का मतलब समझते हैं. मैंने उन्हें कहा कि हमारे देश में कुछ राजनीतिक दलों ने राजनीति को सिर्फ सत्ता और भ्रष्टाचार का साधन बना लिया है. इसे हासिल करने के लिए वो साम, दाम, दंड, भेद सभी तरीके अपना रहे हैं. इन लोगों को कर्नाटक के लोगों की कोई चिंता नहीं है. मुफ्त की रेवड़ियों की राजनीति के कारण कई दल अपनी पार्टियों की भलाई के लिए इतना खर्च कर रहे हैं कि वह राज्य को कर्ज में डाल रहे हैं. कोरोनाकाल में हमें जरूरत लगी तो हमने फ्री वैक्सीन दी. मुफ्त राशन देने की जरूरत पड़ी तो दिया ताकि कोई भूखा न रहे, लेकिन देश को आगे बढ़ाना है तो इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करना बहुत जरूर है. बता दें कि कर्नाटक में 10 मई को वोटिंग होनी है और 13 मई को इसका रिजल्ट आएगा.
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