BJP मेयरों के प्रदर्शन पर कोर्ट में बोली दिल्ली पुलिस- आवासीय इलाकों में दोबारा नहीं होने देंगे धरना

सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट को बताया कि इस धरने को खत्म कर दिया गया है और दिल्ली पुलिस आगे इस बात का पूरा ख्याल रखेगी कि आवासीय कॉलोनी में इस तरह का कोई धरना दोबारा ना हो.

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मुख्यमंत्री केजरीवाल के घर के बाहर धरना दे रहे बीजेपी पार्षदों के खिलाफ कोर्ट में याचिका डाली गई है मुख्यमंत्री केजरीवाल के घर के बाहर धरना दे रहे बीजेपी पार्षदों के खिलाफ कोर्ट में याचिका डाली गई है

पूनम शर्मा

  • दिल्ली ,
  • 21 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 11:22 PM IST
  • MCD का बकाया देने के लिए भाजपा मेयर कर रहे हैं धरना
  • कॉलोनी के निवासियों ने परेशान होकर डाली याचिका
  • दिल्ली पुलिस ने कहा धरना खत्म हो गया है

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर बीजेपी के मेयरों के धरने को खत्म करने के लिए डाली गई याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जिसका हाईकोर्ट ने निपटारा कर दिया. याचिका पर हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि इस धरने को खत्म कर दिया गया है और दिल्ली पुलिस आगे इस बात का पूरा ख्याल रखेगी कि आवासीय कॉलोनी में इस तरह का कोई धरना दोबारा ना हो.

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दरअसल सिविल लाइन RWA ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी कि आवासीय इलाके में 10 दिन से ऊपर भी जाने के बाद मुख्यमंत्री आवास के बाहर बीजेपी के पार्षदों के द्वारा किए जा रहे धरने के कारण आम लोगों की परेशानी बेहद बढ़ गई है. ट्रैफिक जाम और शोर-शराबे के बीच में वहां रहने वाले लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है.

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शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान भी कोर्ट ने बीजेपी के मेयर और पार्षदों के मुख्यमंत्री आवास के बाहर हो रहे धरने पर यह कहकर सवाल खड़ा किया था कि अगर आवासीय इलाकों में भी इस तरह कई कई दिनों तक धरने प्रदर्शन किए जाएंगे तो फिर यह एक नया ट्रेंड बन जाएगा. धरने के लिए रामलीला मैदान और जंतर-मंतर जैसी कई जगह पहले ही चयनित की जा चुकी हैं. ऐसे में धरने को खत्म किया जाना चाहिए. आपको बता दें कि दिल्ली के तीन नगर निगमों के मेयर बकाया राशि न मिलने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर धरने पर बैठ गए थे.

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दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान न सिर्फ पुलिस को लताड़ा था, बल्कि ये भी पूछा था कि अगर दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) का राजनीतिक सभाओं पर रोक का आदेश है तो मुख्यमंत्री आवास के सामने से प्रदर्शनकारियों को धरने पर बैठने से क्यों नहीं रोका गया और अगर वह बैठ भी गए थे तो फिर उनको अब तक क्यों नहीं हटाया गया. हाईकोर्ट ने कहा कि यदि डीडीएमए के निर्देश की अनदेखी पर कार्रवाई नहीं हुई तो लोगों में गलत संदेश जाएगा. कोर्ट ने यह भी कहा है कि पुलिस को पहले मुख्यमंत्री के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों को समुचित आदेश जारी करने चाहिए.

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने किसी भी प्रकार राजनीतिक सभाओं को करने पर सितंबर तक के लिए रोक लगा रखी है. दिल्ली के तीनों मेयर और भाजपा के निगम पार्षद दिल्ली सरकार से 13,000 करोड़ रुपये के बकाये का भुगतान करने की मांग कर रहे हैं. और इसी बकाए रकम को दिल्ली सरकार से लेने के बाबत मुख्यमंत्री पर दबाव बनाने के लिए यह धरना आयोजित किया गया था.

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