ऑक्सीजन संकट पर केंद्र के बयान पर हंगामा जारी, संसद में संजय सिंह का विशेषाधिकार हनन नोटिस

केंद्र सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया था कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश से ऑक्सीजन के अभाव में किसी भी मरीज की मौत की खबर नहीं मिली है.

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राज्यसभा सांसद संजय सिंह राज्यसभा सांसद संजय सिंह

मिलन शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 21 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 10:32 PM IST
  • केंद्र सरकार राज्यसभा में दिए अपने लिखित बयान को लेकर निशाने पर
  • केंद्र ने कहा कि ऑक्सीजन के अभाव में किसी भी मरीज की मौत की खबर नहीं मिली

कोरोना महामारी (Corona virus Second Wave) की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी (Oxygen Crisis) की वजह से कितने लोगों की जान गई, इसके जवाब में केंद्र सरकार ने जो पक्ष रखा उसपर हंगामा खत्म होता नहीं दिख रहा है. अब आम आदमी पार्टी से इन मसले पर राज्यसभा सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) ने राज्यसभा में विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है. संजय सिंह ने आरोप लगाया कि देश के सर्वोच्च सदन में मोदी सरकार के मंत्री ने झूठ बोला. संसद की कार्यवाही (monsoon session of parliament) अब गुरुवार को होगी.

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बता दें कि केंद्र सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया था कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश से ऑक्सीजन के अभाव में किसी भी मरीज की मौत की खबर नहीं मिली है. इसके बाद से केंद्र सरकार निशाने पर है.

विशेषाधिकार हनन नोटिस देने के बाद संजय सिंह ने कहा, 'ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई. यह देश के सर्वोच्च सदन में मोदी सरकार के मंत्री ने झूठ बोला. ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों के हजारों साक्ष्य मौजूद हैं. झूठ बोलना सदन और देश के लोगों का अपमान है, मैंने इस संबंध में विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है.'

विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरा

कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं होने संबंधी बयान को लेकर केंद्र सरकार को कांग्रेस ने भी घेरा था. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने लिखा, 'सिर्फ ऑक्सीजन की ही कमी नहीं थी. संवेदनशीलता व सत्य की भारी कमी-तब भी थी, आज भी है.' वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया था कि ये मौतें इसलिए हुईं क्योंकि महामारी वाले साल में सरकार ने ऑक्सीजन निर्यात बढ़ा दिया और ऑक्सीजन का परिवहन करने वाले टैंकरों की व्यवस्था नहीं की.

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