प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में देशवासियों से अपील की है कि कोरोना को लेकर किसी तरह की ढिलाई और लापरवाही नहीं बरतनी है. इसके अलावा उन्होंने लोगों को जल संरक्षण का महत्व बताया. पीएम मोदी ने कहा कि पानी, पारस से भी महत्वपूर्ण है. पीएम मोदी ने अभी से ही वर्षा जल संचय करने की अपील की. मन की बात में पीएम मोदी ने युवाओं से अपील की कि वह बने बनाए तौर तरीके में बंधे नहीं.
मन की बात में संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पानी, एक तरह से पारस से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है. कहा जाता है पारस के स्पर्श से लोहा, सोने में बदल जाता है. वैसे ही पानी का स्पर्श, जीवन के लिये जरुरी है, विकास के लिये जरुरी है. पीएम ने कहा कि माघ महीना में तो लोग अपना घर-परिवार, सुख-सुविधा छोड़कर पूरे महीने नदियों के किनारे कल्पवास करने जाते हैं. भारत में कोई ऐसा दिन नहीं होगा जब देश के किसी-न-किसी कोने में पानी से जुड़ा कोई उत्सव न हो. उन्होंने कहा कि पानी को लेकर हमें अपनी सामूहिक जिम्मेदारियों को समझना होगा. भारत के ज्यादातर हिस्सों में मई-जून में बारिश शुरू होती है. हमें जल संचय के लिए अभी से ही कोशिश करनी चाहिए.
गर्व है संत रविदास की जन्मस्थली से जुड़ा हुआ हूं.
पीएम ने संत रविदास का जिक्र किया. कल ही वाराणसी में संत रविदास की जयंती मनाई गई है. उन्होंने कहा कि संत रविदास जी ने समाज में व्याप्त विकृतियों पर हमेशा खुलकर अपनी बात कही. उन्होंने इन विकृतियों को समाज के सामने रखा, उसे सुधारने की राह दिखाई. पीएम ने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि मैं संत रविदास जी की जन्मस्थली वाराणसी से जुड़ा हुआ हूं.
पीएम मोदी ने कहा कि हम अपने सपनों के लिये किसी दूसरे पर निर्भर रहें ये बिलकुल ठीक नहीं है. जो जैसा है वो वैसा चलता रहे, रविदास जी कभी भी इसके पक्ष में नहीं थे और आज हम देखते है कि देश का युवा भी इस सोच के पक्ष में बिलकुल नहीं है.
पीएम मोदी ने कहा कि हम जैसे दुनिया के दूसरे वैज्ञानिकों के बारे में जानते हैं, वैसे ही, हमें, भारत के वैज्ञानिकों के बारे में भी जानना चाहिए. पीएम आज राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भी है. आज का दिन भारत के महान वैज्ञानिक, डॉक्टर सी.वी. रमन जी द्वारा की गई 'रमन इफेक्ट' खोज को समर्पित है.
आत्मनिर्भरता का मतलब समझाया
पीएम मोदी ने कहा आत्मनिर्भरता का मतलब समझाए हुए कहा कि आत्मनिर्भरता की पहली शर्त होती है अपने चीजों पर गर्व होना, अपने देश के लोगों द्वारा बनाई गई वस्तुओं पर गर्व करना. जब प्रत्येक देशवासी करता है तो आत्मनिर्भरता एक आर्थिक अभियान न हो कर राष्ट्रीय भावना बन जाती है.
हंसते हुए जाना है और मुस्कुराते हुए लौटना है
प्रधानमंत्री मोदी ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहीं छात्राओं और छात्रों को संदेश देते हुए कहा कि आप सब को Warrior बनना है worrier नहीं, उन्होंने कहा कि हंसते हुए परीक्षा देने जाना है और मुस्कुराते हुए लौटना है. किसी और से नहीं, अपने आप से ही स्पर्धा करनी है.
कोरोना से सावधानी में लापरवाही नहीं
इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना काल में लोगों से सावधानी बरतने को कहा. पीएम मोदी ने कहा कि किसी तरह की लापरवाही कतई न बरतें. पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के संबंध में जो भी नियमों का पालन करना है उसमें कोई ढिलाई नहीं आनी चाहिए.
नहीं सीख सका तमिल भाषा
पीएम ने कहा कि कुछ ही दिन पहले हैदराबाद की अपर्णा जी मुझसे एक सवाल पूछा, उन्होंने पूछा कि आप इतने साल पीएम रहे, सीएम रहे, क्या आपको लगता हैं कि कुछ कमी रह गई है.
पीएम मोदी ने कहा कि ये सवाल जितना सहज था उतना ही मुश्किल भी, मैंने इस पर विचार किया और खुद से कहा कि मेरी एक कमी ये रही कि मैं दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा तमिल सीखने के लिए बहुत प्रयास नहीं कर पाया, मैं तमिल नहीं सीख पाया. यह एक ऐसी सुंदर भाषा है, जो दुनिया भर में लोकप्रिय है. बहुत से लोगों ने मुझे तमिल साहित्य की क्वालिटी और इसमें लिखी गई कविताओं की गहराई के बारे में बहुत कुछ बताया है.
ज्यादा से ज्यादा खेलों की हो कमेंट्री
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेरे मन में एक विचार है, क्यों न, अलग-अलग खेलों और विशेषकर भारतीय खेलों की अच्छी कमेंट्री अधिक से अधिक भाषाओं में हो, हमें इसे प्रोत्साहित करने के बारे में जरूर सोचना चाहिए.
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