विभिन्न राज्यों में हुए चुनावों में कांग्रेस अपने प्रदर्शन को लेकर आत्ममंथन करने के बजाए मतभेद के दौर से गुजरती नजर आ रही है. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के इंटरव्यू को लेकर पार्टी के नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जवाब दिया है. उन्होंने पार्टी के आंतरिक मसलों को मीडिया में ना लाने की बात कही है.
अशोक गहलोत का कहना है कि कपिल सिब्बल के बयान से कांग्रेस कार्यकर्ता आहत हुए हैं. उन्हें पार्टी के आंतरिक मसलों को मीडिया में लाने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कई बुरे दौर देखे हैं. साल 1969, 1977, 1989 और फिर 1996 में पार्टी बुरे दौर से गुजरी लेकिन पार्टी ने अपनी नीतियों, विचारधारा और नेतृत्व के विश्वास के दम पर जबरदस्त वापसी की. बुरे दौर में हर बार पार्टी और अच्छे से निखर कर सामने आई है. सोनिया गांधी के नेतृत्व में साल 2004 में यूपीए ने सरकार बनाई थी. इस बार की भी स्थिति से हम उबरेंगे.
उन्होंने कहा कि चुनाव हारने के कई कारण होते हैं. हर बार पार्टी ने नेतृत्व और पद को लेकर साहस दिखाया है और हम बुरे दौर से उबरे हैं. बुरे वक्त में पार्टी मजबूती के साथ एकजुट खड़ी रही है और उबरने का यही कारण रहा है. आज भी कांग्रेस इकलौती ऐसी पार्टी है जो देश को एकजुट रखकर निरंतर विकास के पथ पर चल सकती है.
शरत कुमार