असम के CM हिमंता बोले- मुस्लिमों को याद दिलाता हूं कि आपके पूर्वज बीफ नहीं खाते थे, तो क्या गलत है

India today conclave 2021: जब असम सीएम हिमंता से कहा गया कि ये उनकी जिम्मेदारी नहीं है कि वे लोगों को बताएं कि वे क्या खाएं क्या नहीं? इस पर उन्होंने कहा कि इस देश में यही दिक्कत है कि जब लोगों को परंपरा की याद दिलाई जाती है तो वे नाराज हो जाते हैं.

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असम के CM हिमंता बिस्वा सरमा (फोटो-चंद्रदीप कुमार, आजतक) असम के CM हिमंता बिस्वा सरमा (फोटो-चंद्रदीप कुमार, आजतक)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 1:48 PM IST
  • अतिक्रमण से लेकर बीफ खाने पर सीएम हिमंता ने रखे विचार
  • '77 हजार एकड़ जमीन पर 1 हजार परिवार नहीं कब्जा कर सकते'
  • आज के मुस्लिमों के पूर्वज नहीं खाते थे बीफ-सरमा

India Today Conclave 2021: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इंडिया टुडे ग्रुप के कॉन्क्लेव में राज्य से जुड़े कई ज्वलंत मु्द्दों पर अपनी राय रखी है. हाल ही में अवैध कब्जा हटाने के दौरान हुई हिंसा के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इस मामले में गिरफ्तारी हुई है. हालांकि, इस मामले पर उन्होंने यह भी कहा कि जिस जमीन पर कब्जा हुआ है वो 77 हजार एकड़ जमीन पर है, और इस जमीन को महज 1 हजार परिवार को नहीं दिया जा सकता है. 

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सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने राज्य में धार्मिक स्थलों पर बीफ बैन पर कहा कि असम के ज्यादातर मुस्लिम कन्वर्टेड हैं, उनके पूर्वज बीफ नहीं खाते थे, अगर वे उन्हें याद दिलाते हैं कि आपके पूर्वज बीफ नहीं खाते थे, आप कम से कम इसके इस्तेमाल को बढ़ावा नहीं दीजिए तो इसमें क्या गलत है.

सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि अतिक्रमण हटाने के दौरान जिन लोगों को हटाया गया उनमें से ज्यादातर की नागरिकता संदिग्ध थी, लेकिन उन्हें इसलिए नहीं हटाया गया क्योंकि उनकी नागरिकता संदिग्ध थी. उन्हें इसलिए हटाया गया क्योंकि ये 77 हजार एकड़ जमीन है, और इस पर मात्र 1 हजार परिवार का कब्जा है. हमारे यहां असम में नियम है कि एक परिवार दो एकड़ जमीन ही रख सकता है. तो इस तरह से ये परिवार मात्र 2 हजार एकड़ जमीन रख सकते हैं. तो फिर बाकी 75 हजार एकड़ जमीन का क्या होगा? 

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असम सीएम ने कहा इस जमीन का समुचित बंटवारा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य में अवैध कब्जे हटाने का अभियान चलता रहता है, असम के निवासी भी हटाए जाते हैं लेकिन तब लेफ्ट लिबरल शोर नहीं करता है, लेफ्ट लिबरल शोर तभी करता है जब उन्हें फायदा होता है. 

बीफ पर और क्या बोले सीएम

असम में बीफ के मुद्दे पर सीएम सरमा ने कहा है कि जो अभी मुस्लिम हैं उनके दादा बीफ नहीं खाते थे, परदादा बीफ नहीं खाते थे, यदि मैं उन्हें उनके पारिवारिक परंपरा के बारे में याद दिलाता हूं कि देखो आपके पूर्वज भी ऐसा नहीं करते थे. आप ऐसा कर सकते हो लेकिन हमारे मंदिरों के आस-पास ऐसा नहीं करो तो इसमें क्या गलत है? 

 

जब सीएम से कहा गया कि ये उनकी जिम्मेदारी नहीं है कि वे लोगों को बताएं कि वे क्या खाएं क्या नहीं? इस पर उन्होंने कहा कि इस देश में यही दिक्कत है कि जब लोगों को परंपरा की याद दिलाई जाती है तो वे नाराज हो जाते हैं. आप सिर्फ अधिकारों की बात करते हैं. अधिकार हमारे सभ्यता के मूल्यों से निकलते हैं. इसे स्वतंत्र नजरिए से नहीं देखा जा सकता है. 

मुख्यमंत्री ने कहा कि असम में धार्मिक स्थल के 5 किलोमीटर दायरे में बीफ के इस्तेमाल पर रोक लगाने से यहां के मुस्लिम भी बहुत खुश है और इससे सौहार्द्र बढ़ा है. क्या आपने बीफ खाने के नए नियमों पर असम में किसी मुस्लिम संगठन का विरोध देखा है, ये विरोध सिर्फ लेफ्ट लिबरल द्वारा किया जाता है.   

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