कांग्रेस के असंतुष्ट गुट जी-23 को मनाने की कोशिश कांग्रेस नेतृत्व ने शुरू कर दी है. इसके लिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों एक्टिव हो गए हैं. पिछले कुछ दिनों से हो रहीं मुलाकातों के दौर से यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि कांग्रेस का 'गरम दल' जल्द शांत हो सकता है. बता दें कि जी-23 गुट के नेता लगातार कांग्रेस की कार्यशैली में बदलाव की मांग कर रहे हैं.
ताजा जानकारी के मुताबिक, जी-23 के कुछ नेता आज मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे हैं. मिली जानकारी के मुताबिक, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी और विवेक तन्खा आज सोनिया गांधी से मिलने 10 जनपथ गए हैं.
इसके अलावा कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह भी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने उनके आवास पहुंचे.
इनसे पहले कांग्रेस के सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद भी सोनिया गांधी से मिले थे. वह भी जी-23 का हिस्सा हैं. इससे पहले आजाद के घर पर जी-23 के नेताओं की अहम मीटिंग भी हुई थी. इसके बाद कहा गया था कि बीजेपी से मुकाबले के लिए कांग्रेस को मजबूत करना बेहद जरूरी हो गया है.
जी-23 के नेताओं ने कहा था- निकालने पर ही पार्टी छोड़ेंगे
मीटिंग के बाद कांग्रेस के 18 नेताओं ने एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा था कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त और लगातार नेताओं-कार्यकर्ताओं का पार्टी छोड़कर जाने के सिलसिले पर ध्यान नहीं दिया जा रहा, उसी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए यह बैठक की आहूत की गई थी.
जी-23 के नेताओं ने यह भी कहा कि हम तब तक पार्टी नहीं छोड़ेंगे, जब तक हमें बाहर नहीं किया जाता. जी-21 ग्रुप के कांग्रेसी नेताओं ने पार्टी आलाकमान से अपील की थी कि वह समान विचारधारा वाले दलों से बात करें ताकि भाजपा को चुनौती देने के लिए एक अच्छा विकल्प तैयार हो सके.
बता दें कि जी-23 में संदीप दीक्षित, शशि थरूर, भूपिंदर हुड्डा, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, अखिलेश प्रसाद सिंह, पीजे कुरियन, राज बब्बर और पृथ्वी राज चव्हाण जैसे दिग्गज नेता शामिल हैं. सभी चाहते हैं कि पार्टी अपने काम का तरीका बदले.
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