'खेती बचाओ यात्रा' का दूसरा दिन, ट्रैक्टर रैली के बाद पटियाला में जनसभा करेंगे राहुल गांधी

सोमवार दोपहर 12 बजे राहुल गांधी भवानीगढ़ में जनसभा करेंगे. एक बजे भवानीगढ़ से समाना तक ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी. इस दौरान फतेहगढ़ छाना और बहमना में वो किसानों से मिलेंगे. इसके बाद शाम 4 बजे पटियाला के समाना अनाज मंडी में जनसभा को संबोधित करेंगे.

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पंजाब के तीन दिवसीय दौरे पर हैं (PTI) कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पंजाब के तीन दिवसीय दौरे पर हैं (PTI)

मौसमी सिंह

  • नई दिल्ली ,
  • 05 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 7:31 AM IST
  • केंद्र के कृषि कानून के खिलाफ कांग्रेस खोल चुकी है मोर्चा
  • आज 11 बजे संगरूर में राहुल गांधी का स्वागत
  • एक बजे भवानीगढ़ से समाना तक ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी

मोदी सरकार के कृषि कानून के खिलाफ कांग्रेस मोर्चा खोल चुकी है. इसके विरोध में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पंजाब के मोगा से 'खेती बचाओ यात्रा' शुरू की है. पंजाब दौर के दूसरे दिन सोमवार को राहुल गांधी ट्रैक्टर रैली के साथ जनसभाओं को संबोधित करेंगे.

सोमवार सुबह 11 बजे संगरूर के बरनाला चौक पर उनका स्वागत किया जाएगा. दोपहर 12 बजे राहुल गांधी भवानीगढ़ में जनसभा करेंगे. एक बजे भवानीगढ़ से समाना तक ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी. इस दौरान फतेहगढ़ छाना और बहमना में राहुल किसानों से मिलेंगे. इसके बाद शाम 4 बजे पटियाला के समाना अनाज मंडी में जनसभा को संबोधित करेंगे. 

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पंजाब के तीन दिवसीय दौरे के बाद राहुल गांधी हरियाणा सरकार के खिलाफ बड़े प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं. राहुल गांधी 6 अक्टूबर को पेहवा की तरफ से होते हुए किसानों के साथ देवीगढ़ से हरियाणा में प्रवेश करने की कोशिश करेंगे. फिर पेहवा से आगे जाने की योजना बनाएंगे. राहुल गांधी पेहवा से पीपली-निलोखेड़ी-कैथल और कुरुक्षेत्र होते हुए करनाल मंडी में अपनी यात्रा समाप्त करेंगे.

इस अभियान से राज्य सरकार के साथ सीधे टकराव की स्थिति बन सकती है क्योंकि हरियाणा सरकार ने अभी साफ नहीं किया है कि वो किसानों के साथ राहुल गांधी को प्रवेश करने देगी या नहीं.

कांग्रेस सत्ता में आई तो कानूनों को कूड़ेदान में फेंक देगी...

इससे पहले पंजाब के मोगा में 'खेती बचाओ यात्रा' को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि अगर सरकार को ये बिल पास करना ही था तो सबसे पहले लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा करनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि वे किसानों को गारंटी देना चाहते हैं कि जिस दिन कांग्रेस सत्ता में आई उस दिन इन तीनों काले कानूनों को खत्म कर देगी और इन कानूनों को कूड़ेदान में फेंक देगी.

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बता दें कि कांग्रेस ने अपनी प्रदेश सरकारों से कहा है कि कृषि विधेयकों को खारिज करने के लिए वो कानून पर विचार करें. पार्टी ने कांग्रेस शासित राज्यों को संविधान के अनुच्छेद 254 (2) के तहत अपने राज्यों में कानून पारित करने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए कहा था, जो राज्य विधानसभाओं को एक केंद्रीय कानून को रद्द करने के लिए एक कानून पारित करने की अनुमति देता है, फिर जिसे राष्ट्रपति की मंजूरी की जरूरत होती है.

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