लोकसभा में 114%, राज्यसभा में 90% प्रोडक्टिविटी के साथ खत्म हुआ बजट सत्र, पास हुए ये जरूरी बिल

संसद का बजट सत्र बृहस्पतिवार को खत्म हो गया. दो चरणों में सम्पन्न हुआ ये सत्र 29 जनवरी को शुरू हुआ था. सत्र के दौरान एक फरवरी को वित्त मंत्री ने कोविड के बाद का बजट पेश किया और सदन में कई अहम बिल पारित हुए. जानें कैसा रहा संसद का ये बजट सत्र

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राज्यसभा की कार्यवाही (सांकेतिक फोटो) राज्यसभा की कार्यवाही (सांकेतिक फोटो)

मंजीत नेगी

  • नई दिल्ली,
  • 25 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 4:10 PM IST
  • ‘आंदोलनजीवी’ से लेकर ‘हम दो हमारे दो’ तक
  • क्या पेट्रोल-डीजल आएगा जीएसटी दायरे में?
  • हंगामे की भेंट चढ़े राज्यसभा के 21 घंटे 26 मिनट

संसद का बजट सत्र गुरुवार को खत्म हो गया. दो चरणों में सम्पन्न हुआ ये सत्र 29 जनवरी को शुरू हुआ था. सत्र के दौरान एक फरवरी को वित्त मंत्री ने कोविड के बाद का बजट पेश किया और सदन में कई अहम बिल पारित हुए. जानें ये कैसा रहा संसद का बजट सत्र

लोकसभा की प्रोडक्टिविटी 114%
बजट सत्र के दौरान लोकसभा ने करीब 132 घंटे कामकाज किया. इस दौरान सदन में कुल 17 बिल पेश किए गए और सदन ने 18 बिलों को पास किया. सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा करीब 17 घंटे चली और लगभग 150 सांसदों ने इस पर अपने विचार रखे. इस तरह सदन की उत्पादकता करीब 114% रही.

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राज्यसभा में 90% काम
राज्यसभा की कार्यवाही भी बजट सत्र में 104 घंटे से अधिक समय तक चली. सदन की कुल 23 बैठकें हुईं. इस दौरान राज्यसभा ने 19 बिलों को पास किया. बजट सत्र के पहले चरण में राज्यसभा की प्रोडक्टिविटी 99.6% और दूसरे चरण में 85% रही. इस तरह राज्यसभा ने 90% की उत्पादकता के साथ काम किया.

हंगामे की भेंट चढ़े 21 घंटे
किसान आंदोलन, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और दिल्ली शासन संशोधन विधेयक पर विपक्ष के हंगामे के चलते संसद की कार्यवाही कई बार बाधित हुई. राज्यसभा में कई मुद्दों पर विपक्ष की एकजुटता देखने को मिली और इसके चलते सदन का 21 घंटे 26 मिनट का समय हंगामे की भेंट चढ़ गया.

भावुक कर गई आजाद की विदाई
बजट सत्र के दौरान ही राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद का विदाई समारोह हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनके विदाई के वक्त सदन में पहुंचे और अपना एक संस्मरण सुनाते हुए भावुक हो गए. गुलाम नबी आजाद के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे को राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है.

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‘आंदोलनजीवी’ से लेकर ‘हम दो हमारे दो’ तक
बजट सत्र के दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा का जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाब दिया तो कुछ लोगों के आंदोलन पर जिंदा रहने को लेकर उनके ‘आंदोलनजीवी’ बयान पर काफी हंगामा हुआ. इसी तरह लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जब बजट पर चर्चा के दौरान अपना भाषण दिया तो उन्होंने केंद्र सरकार को ‘हम दो हमारे दो’ की सरकार बताने वाला बयान दिया. इस पर सत्ता पक्ष की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया जताई गई.

LIC के आईपीओ का रास्ता साफ
बजट सत्र के दौरान दोनों सदनों ने वित्त विधेयक-2021 को पारित कर दिया. वित्त विधेयक के पास होने के साथ ही देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC के आईपीओ का रास्ता साफ हो गया है. इसके अलावा संसद ने बीमा संशोधन विधेयक को भी हरी झंडी दिखा दी, जिससे बीमा क्षेत्र में 74% तक एफडीआई की अनुमति मिल गई है.

क्या पेट्रोल-डीजल आएगा जीएसटी दायरे में?
वित्त विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यदि राज्य प्रस्ताव लाएंगे तो वो पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए चर्चा करने को तैयार हैं. अगले दिन वित्त विधेयक पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में लाने से राजस्व नुकसान की बात कही और इसके अगले 8 से 10 साल में भी होने पर संशय जताया.

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‘संविधान के चीरहरण वाला संशोधन’
संसद के दोनों सदनों ने दिल्ली में उपराज्यपाल को सशक्त करने वाला दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन संशोधन विधेयक भी बजट सत्र में पारित किया. इस पर दोनों सदनों भारी हंगामा हुआ. आप नेता संजय सिंह ने इसे संविधान के चीरहरण करने वाला विधेयक करार दिया.

एबॉर्शन कानून में संशोधन
संसद ने एबॉर्शन कानून में भी संशोधनों को पारित किया. इसके चलते अब महिलाओं के लिए 24 हफ्ते तक एबॉर्शन कराना आसान हो गया. पहले ये ऊपरी सीमा 20 हफ्ते की थी.

बच्चों और किशोरों को न्याय
संसद ने बजट सत्र के दौरान किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) संशोधन विधेयक को भी पारित किया. इसमें बच्चों से जुड़े विषय को जिलाधिकारियों की प्राथमिकता की सूची में शामिल किया गया है जिससे किशोरों को सही से और तेजी से न्याय मिल सके. इसके अलावा किशोरों से जुड़ मामलों से निपटने के लिए जिलाधिकारियों के अधिकारों को भी बढ़ाया गया है.

मध्यस्थता कानून भी संशोधित
इसके अलावा संसद ने मध्यस्थता कानून, जम्मू-कश्मीर के बजट, पुडुच्चेरी के बजट, बंदरगाह और लाइटहाउसों के विकास एवं प्रबंधन, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए वित्त पोषण, खान और खनिज क्षेत्र के विकास से जुड़े कई अन्य अहम बलों को पास कर दिया.

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