बंगाल में SIR विवाद के बीच बड़ा खुलासा... 70 वर्षीय महिला का नाम 44 मतदाता सूचियों में दर्ज

घटना सामने आने के बाद भाजपा ने तृणमूल पर चुनावी धांधली का आरोप लगाया. भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी ने कहा कि यह तृणमूल की सोची-समझी रणनीति है और इसी तरह के फर्जी वोटरों के आधार पर तृणमूल वर्षों से चुनाव जीतती आई है.

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70 वर्षीय मायारानी गोस्वामी का नाम राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों की 44 अलग-अलग मतदाता सूचियों में दर्ज मिला है. (Photo- Representational) 70 वर्षीय मायारानी गोस्वामी का नाम राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों की 44 अलग-अलग मतदाता सूचियों में दर्ज मिला है. (Photo- Representational)

अनिल गिरी

  • कोलकाता,
  • 23 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:48 PM IST

बंगाल में SIR विवाद के बीच पश्चिम बर्धमान जिले के पांडवेश्वर में मतदाता सूची संशोधन (एसआईआर) अभियान के दौरान एक गंभीर अनियमितता सामने आने से सियासी हलचल तेज हो गई है. स्थानीय 70 वर्षीय मायारानी गोस्वामी का नाम राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों की 44 अलग-अलग मतदाता सूचियों में दर्ज मिला है. इस खुलासे के बाद भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच तीखी राजनीतिक तनातनी शुरू हो गई है.

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बैदनाथपुर पंचायत के डिवीसी पाड़ा की रहने वाली मायारानी गोस्वामी ने बताया कि एसआईआर फॉर्म के क्यूआर कोड को स्कैन करने पर उन्हें यह चौंकाने वाली जानकारी मिली. उन्होंने कहा कि हर सूची में उनके और उनके पति के नाम के स्थान पर मायारानी और गौर लिखा है, लेकिन उपनाम और ईपीआईसी नंबर हर जगह अलग-अलग हैं.

मायारानी देवी ने कहा, “मुझे कभी पता ही नहीं था कि मैं 44 जगहों की मतदाता हूं. यह कैसे हुआ, मैं समझ नहीं पा रही हूं.”

घटना सामने आने के बाद भाजपा ने तृणमूल पर चुनावी धांधली का आरोप लगाया. भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी ने कहा कि यह तृणमूल की सोची-समझी रणनीति है और इसी तरह के फर्जी वोटरों के आधार पर तृणमूल वर्षों से चुनाव जीतती आई है.

वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने जवाबी हमला बोलते हुए आरोपों को खारिज किया. पार्टी सांसद कीर्ति आजाद ने कहा कि यह गड़बड़ी चुनाव आयोग की लापरवाही है और भाजपा इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा समर्थक एसआईआर प्रक्रिया को भटका रहे हैं.

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मतदाता सूची सुधार को लेकर पहले से जारी विवाद के बीच इस नई गड़बड़ी ने राज्यभर में मतदाता सूची की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. आगामी चुनावी माहौल को देखते हुए यह मामला राजनीतिक तापमान को और बढ़ाने वाला माना जा रहा है.

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