मॉनसून सत्र के पहले दिन हुए हंगामे पर गृह मंत्री अमित शाह ने नाराजगी जाहिर की है. केंद्र सरकार पर लगे जासूसी के आरोपों को उन्होंने देश को अपमानित करने की साजिश बताया. साथ ही साथ पूछा कि देश की छवि पर बार-बार चोट क्यों की जाती है. शाह ने लिखा कि विघटनकारी और अवरोधक शक्तियां अपनी साजिश से भारत की विकास यात्रा को रोक नहीं पाएंगी. गृह मंत्री ने लिखा है कि मॉनसून सत्र से देश को काफी उम्मीदें हैं और यह सत्र देश में विकास के नए मापदंड स्थापित करेगा.
इजरायल के पेगासस (Pegasus) सॉफ्टवेयर के जरिए जासूसी के आरोपों पर संसद के दोनों सदनों में भी हंगामा हुआ था. केंद्रीय IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इन आरोपों को पहले ही गलत बताया था. अब अमित शाह ने बयान जारी करके इन आरोपों (Amit Shah on nso group pegasus spyware) की टाइमिंग पर सवाल उठाए हैं.
शाह ने कहा - क्रोनोलोजी समझनी चाहिए
शाह ने लिखा, 'देश के लोकतंत्र को बदनाम करने के लिए मॉनसून सत्र से ठीक पहले कल देर शाम एक रिपोर्ट आती है, जिसे कुछ वर्गों द्वारा केवल एक ही उद्देश्य के साथ फैलाया कि कैसे भारत की विकास यात्रा को पटरी से उतारा जाए और अपने पुराने नैरेटिव के तहत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को अपमानित किया जाए.'
शाह ने कहा कि लोगों को क्रोनोलोजी समझनी चाहिए कि यह भारत के विकास में विघ्न डालने वालो की भारत के विकास के अवरोधकों के लिए एक रिपोर्ट है. संसद में हुए हंगामे पर कांग्रेस को घेरते हुए अमित शाह ने लिखा कि वह अपना जनाधार व राजनीतिक महत्व खो चुकी है. साथ ही कहा कि कांग्रेस के पास लोकतंत्र को कुचलने का अच्छा अनुभव है.
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