राजा रघुवंशी और सोनम की शिलांग में गुमशुदगी के बाद, राजा के परिवार ने दोनों की सलामती के लिए 28 मई को उज्जैन में तांत्रिक अनुष्ठान करवाया था, जिसमें उनके कपड़े और फोटोग्राफ शिप्रा नदी में फेंके गए. इस अनुष्ठान के पांचवें दिन, 2 जून को, राजा का शव बरामद हुआ.