RSS चीफ मोहन भागवत ने भारतीय संस्कृति, भाषा और राष्ट्रीय पहचान के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि हमें अपनी भाषा, भूषा, भोजन और भवन जैसी परंपराओं को बनाए रखना चाहिए. भागवत ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि लोग अपने घरों में भी अंग्रेजी का उपयोग कर रहे हैं और निमंत्रण पत्र भी अंग्रेजी में छाप रहे हैं, जबकि भारत में अधिकांश लोग हिंदी या अन्य भारतीय भाषाएं समझते हैं.