मालेगांव ब्लास्ट मामले में एनआईए कोर्ट के फैसले के बाद राजनीति में नया विवाद खड़ा हो गया है. कोर्ट ने सभी सात आरोपियों को बरी करते हुए टिप्पणी की कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता क्योंकि कोई धर्म हिंसा को बढ़ावा नहीं दे सकता.