गंगोत्री ग्लेशियर के पिघलने से गंगा नदी के भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार तक गंगा का जलस्तर ऐतिहासिक रूप से कम हो सकता है. पिछले 87 वर्षों में ग्लेशियर 1700 मीटर तक पिघल चुका है. वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर यही स्थिति रही तो गंगा सूख सकती है, जिससे महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजन प्रभावित होंगे.