2003 में, लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के नाडीमर्ग गांव में 24 कश्मीरी पंडितों की पहचान की और उन्हें मार डाला मारे गए लोगों में 11 पुरुष, 11 महिलाएं और दो बच्चे हैं. करीब दो दशक बाद जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने मामले को फिर से खोलने का आदेश दिया है. आजतक ने नाडीमर्ग हत्याकांड में जीवित पीड़ित परिवार से बात की जहा उन्होंने बताया कि कैसे उनकी आंखों के सामने उनके मां-पापा, चाचा और बहन मार दिए गए थे.