बलिया कांड पर सियासत बढ़ती जा रही है. 48 घंटे से ज्यादा हो गए लेकिन अब तक मोस्ट वॉन्टेड का कोई सुराग नहीं है. पुलिस 10 टीमें बनाकर खाक छान रही है. कहने को कमिश्नर से लेकर डीआईजी तक गांव में कैंप किए हुए हैं लेकिन गोलीमार है कि मिल ही नहीं रहा. मोस्ट वॉन्टेड धीरेंद्र सिंह को बीजेपी विधायक का समर्थन मिल रहा है. आज सुरेंद्र सिंह आरोपियों की ओर से एफआईआर करने थाने पहुंचे और धमकी दी कि अगर केस दर्ज नहीं हुआ तो धरने पर बैठेंगे. आखिर बलिया में गोलियां क्यों चली? कैसे मोस्ट वॉन्टेंड ने आला अधिकारियों और पुलिस के सामने फायरिंग करने की हिमाकत दिखाई? देखिये बलिया गोलीकांड की इनसाइड स्टोरी.