अठारहवीं लोकसभा का मानसून सत्र, जो 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चला, भारी हंगामे और राजनीतिक मुद्दों की भेंट चढ़ गया. इस सत्र की 21 बैठकों के लिए निर्धारित 126 घंटों में से केवल 37 घंटे ही काम हो सका, जिस पर करदाताओं के 190 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुए. सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध के कारण, मर्चेंट शिपिंग बिल, एंटी-डोपिंग बिल, इनकम टैक्स अमेंडमेंट बिल और ऑनलाइन गेमिंग बिल जैसे कई महत्वपूर्ण विधेयक बिना किसी सार्थक चर्चा के पारित कर दिए गए.