अमित शाह ने विपक्ष में बिताए अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि चुनाव जीतने के साथ हारना भी हुआ है, लेकिन कभी चुनाव आयोग पर आरोप नहीं लगाए. उन्होंने चुनाव आयोग को एक तटस्थ और संवैधानिक संस्था बताया और विपक्षी पार्टियों द्वारा चुनाव आयोग की छवि धूमिल करने के प्रयासों की आलोचना की.