छत्तीसगढ़ में रायपुर ज़िले के अभनपुर इलाके में एक बेहद परेशान करने वाली घटना में, एक 23 साल के युवक को उसके ही तीन दोस्तों ने बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला. हैरानी की बात है कि पूरी वारदात सिर्फ इसलिए हुई क्योंकि उसने कथित तौर पर उन्हें बीड़ी देने से इनकार कर दिया था. इस चौंकाने वाली घटना ने लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है और युवाओं में बढ़ती आक्रामकता और गिरते नैतिक मूल्यों पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
बीड़ी को लेकर हिंसा
मृतक की पहचान अभनपुर निवासी अफसर अली के रूप में हुई है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, अफसर शनिवार रात अपने दोस्तों अमानुल्लाह, सैफुल्लाह और दानिश के साथ बाहर गया था. बताया जा रहा है कि जब तीनों ने अफसर से बीड़ी मांगी, तब उसने मना कर दिया, तो बहस शुरू हो गई. मामूली सी बहस जल्द ही हिंसा में बदल गई.
चश्मदीदों के बयानों और पुलिस जांच से पता चलता है कि तीनों आरोपियों ने अफसर पर लाठियों, घूंसों और लातों से हमला करना शुरू कर दिया. उसके लाख कोशिशों के बावजूद, पिटाई काफी देर तक जारी रही. कथित तौर पर, हमलावरों ने उसकी मदद करने या इलाज कराने के बजाय, उसके बेहोश शरीर को सड़क किनारे एक सुनसान इलाके में फेंक दिया और भाग गए.
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गंभीर चोटें
अगली सुबह, स्थानीय लोगों ने अफसार को बेसुध पड़ा देखा और पुलिस को सूचना दी. उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई अंदरूनी चोटों, फ्रैक्चर और सिर में गंभीर चोट की पुष्टि हुई, जो एक क्रूर हमले का संकेत है.
अभनपुर पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. उन पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'यह बेहद दुखद है कि एक छोटी सी बात पर एक युवा की जान ले ली गई. हम कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे और मामले की त्वरित सुनवाई करेंगे."
'वह उन पर भरोसा करता था'
पीड़ित का परिवार सदमे में है. उसके पिता ने अधिकतम सजा की मांग करते हुए कहा, 'वे उसके करीबी दोस्त थे. वह उन पर भरोसा करता था. वे इतनी छोटी सी बात पर उसकी हत्या कैसे कर सकते हैं?'
सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे आज के युवाओं में बढ़ती असहिष्णुता, मादक द्रव्यों के सेवन और भावनात्मक नियंत्रण की कमी का संकेत बताया है. विशेषज्ञों का कहना है कि बेरोज़गारी और सामाजिक समर्थन की कमी इस तरह के हिंसक व्यवहार के प्रमुख कारण हैं.
सुमी राजाप्पन