What is Zika Virus: कोरोना के बीच देश में Zika Virus की दस्तक, जानिए क्या है और किसके लिए ज्यादा खतरनाक

What is Zika Virus: कोरोना महामारी के बीच केरल में जीका वायरस की दस्तक हुई है. जीका वायरस का मामला सामने आने के बाद लोग और डर गए हैं. ऐसे में वे जानना चाहते हैं कि आखिर जीका वायरस कितना खतरनाक है और किन लोगों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है. यह जानने के लिए पढ़ें रिपोर्ट...

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Zika Virus Zika Virus

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 6:07 PM IST
  • केरल में मिला जीका वायरस का मामला
  • प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए सबसे अधिक खतरनाक
  • कोरोना के बीच जीका वायरस मिलने से हड़कंप

देश में पिछले डेढ़ साल से कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus) तबाही मचा रही है. इस साल अप्रैल-मई में महामारी की दूसरी लहर (Second Wave) से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए थे, जिसके बाद मामलों में अब कमी आ रही है. लेकिन अब एक नया वायरस सामने आया है, जिसने लोगों के मन में भय पैदा कर दिया. इस वायरस का नाम जीका वायरस (Zika Virus) है. जीका वायरस के पहले मामले की पुष्टि केरल में हुई.

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तिरुवनंतपुरम की रहने वाली 24 वर्षीय प्रेग्नेंट महिला इससे संक्रमित पाई गई है. हालांकि, उसकी स्थिति स्थिर है. उसने 7 जून को बच्चे को भी जन्म दिया था, जिसके बाद उसमें जीका वायरस के लक्षण दिखाई देने लगे और फिर 28 जून को महिला को अस्पताल में भर्ती करवाया गया. महिला के बाकी टेस्ट्स निगेटिव आने के बाद डॉक्टरों ने उसका जीका वायरस टेट करवाया, जिसमें वह पॉजिटिव पाई गई. अब जब कोरोना महामारी खत्म तक नहीं हुई है, तो उससे पहले जीका वायरस का सामने आने से लोगों के मन में चिंताएं बढ़ गई हैं. तो आइए जानते हैं इस वायरस के बारे में.

आखिर है क्या जीका वायरस?

जीका एक मच्छर से होने वाला वायरस है, जो एडीज एजिप्टी नामक मच्छर की एक संक्रमित एडीज प्रजाति के काटने से फैलता है, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, एडीज मच्छर आमतौर पर दिन के दौरान काटते हैं, जो जल्द सुबह और दोपहर या फिर शाम को पीक पर होते हैं, यह वही मच्छर है जो डेंगू, चिकनगुनिया फैलाता है, हालांकि, ज्यादातर लोगों के लिए, जीका वायरस का संक्रमण कोई गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन यह प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए विशेष रूप से भ्रूण के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है, संक्रमण माइक्रोसेफली या जन्मजात जीका सिंड्रोम नामक अन्य स्थितियों का कारण बन सकता है.

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प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए खतरनाक

जीका वायरस प्रेग्नेंट महिला से उसके भ्रूण में आसानी से पहुंच जाता है, यह सेक्सुअल कॉन्टैक्ट, ब्लड ट्रांसफ्यूश्न और ब्लड प्रोडक्ट्स या अंग प्रत्यारोपण के जरिए से भी फैल सकता है, वैज्ञानिक अभी भी प्रेग्नेंसी के रिजल्ट और बच्चों एवं अडल्ट्स में जीका वायरस के प्रभावों की पूरी सीरीज पर रिसर्च कर रहे हैं, जीका वायरस सेक्सुअल इंटरकोस के जरिए से भी फैल सकता है. डब्ल्यूएचओ ने कहा है, ''जीका वायरस और प्रेग्नेंसी के परिणामों के बीच संबंध की वजह से यह चिंता का विषय है.''

जीका वायरस की पहचान आखिर कब हुई?

इस वायरस की पहली बार साल 1947 में युगांडा में बंदरों में पहचान की गई थी और बाद में 1952 में युगांडा और तंजानिया में इंसानों में पाया गया, तब से अफ्रीका, अमेरिका, एशिया में वायरस का प्रकोप देखा गया है, जबकि इंसान में संक्रमण के दुर्लभ मामले अफ्रीका और एशिया में पाए गए, जीका वायरस का पहला आउटब्रेक साल 2007 में याप द्वीप पर हुआ था, इसके बाद, 2013 में फ्रेंच पोलिनेशिया में बड़े पैमाने पर मामले दर्ज किए गए. फिर 2015 में ब्राजील में काफी मामले सामने आए. बाद में ही अमेरिका, अफ्रीका और दुनिया के अन्य देशों में भी मामले देखे गए, डब्ल्यूएचओ के अनुसार, अब तक 86 देशों में मच्छरों से फैलने वाले जीका वायरस के मामलों की पुष्टि हो चुकी है.

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