Bitcoin Scam Explainer: कर्नाटक में बिटकॉइन स्कैम को लेकर देश में राजनीतिक बवाल जारी है. कांग्रेस ने इस घोटाले में 'प्रभावशाली' लोगों के शामिल होने का आरोप लगाया है. वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavraj Bommai) ने कहा कि अगर कांग्रेस के पास उन प्रभावशाली लोगों के नाम है तो बताए, हम उन पर कार्रवाई करेंगे. कर्नाटक में बिटकॉइन स्कैम (Bitcoin Scam) पिछले साल नवंबर में सामने आया था. लेकिन ये घोटाला क्या है, क्या-क्या आरोप लगाए जा रहे हैं, आइए जानते हैं...
ड्रग्स के जरिए पकड़ा गया बिटकॉइन घोटाला
4 नवंबर 2020 को बेंगलुरु पुलिस ने ड्रग्स के मामले में गिरफ्तार किया था. उसके पास से 500 ग्राम हाइड्रो गांजा जब्त किया गया था. उससे पूछताछ के आधार पर पुलिस ने श्रीकृष्ण रमेश उर्फ श्रीकी (Srikrishna, alias Sriki) समेत 10 और आरोपियों को गिरफ्तार किया था.
बेंगलुरु पुलिस के मुताबिक, पूछताछ के दौरान श्रीकृष्ण ने क्रिप्टो करेंसी वेबसाइट में हैकिंग (Hacking) की बात कबूल की थी. पुलिस ने श्रीकृष्ण के पास से 9 करोड़ रुपये के 31 बिटकॉइन (Bitcoin) बरामद किए थे. श्रीकृष्ण पहले भी कई सरकारी वेबसाइटों की हैकिंग में शामिल रहा था.
बिटकॉइन हैक कर क्या किया जाता था?
इस पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड श्रीकृष्ण को बताया जाता है. श्रीकृष्ण ब्लैक कैट हैकर था. वो इंटरनेट रिले चैट (IRC) के जरिए दुनियाभर के हैकरों के संपर्क में था. हैकिंग की दुनिया में श्रीकृष्ण को 'रोज' और 'बिग बॉस' के नाम से जाना जाता था. उसे शराब और ड्रग्स की लत थी. उसने पैसे कमाने के लिए कई वेबसाइटों को हैक किया था. वो बिटकॉइन खरीदता था और डार्क नेट पर ड्रग्स खरीदने के लिए उसका इस्तेमाल करता था.
सूत्रों के मुताबिक, श्रीकृष्ण ने ड्रग्स खरीदने के लिए डार्क नेट पर रॉबिन खंडेलवाल नाम के शख्स को बिटकॉइन ट्रांसफर किए थे. खंडेलवाल बिटकॉइन ट्रेडिंग कंपनी चलाते थे. पुलिस ने जब खंडेलवाल से पूछताछ की तो श्रीकृष्ण का सारा पिटारा खुल गया. श्रीकृष्ण बिटकॉइन होल्डर्स के अकाउंट को हैक कर उसे बेच देता था. इस मामले में ED ने भी उसके खिलाफ केस दर्ज किया है और हाल ही में पूछताछ भी की थी.
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5,240 करोड़ रुपये के अवैध ट्रांजेक्शन का क्या है आरोप?
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बिटकॉइन घोटाले में 'प्रभावशाली लोगों' के शामिल होने का आरोप लगाया. सुरजेवाला ने आरोप लगाते हुए सवाल किया कि सरकार बताए कि 'बिटकॉइन कवर स्कैम' में कौन-कौन शामिल हैं? क्या कथित हैकर श्रीकृष्ण के अकाउंट से बिटकॉइन ट्रांसफर किए गए थे? ये किसके बिटकॉइन थे और इनकी कितनी कीमत थी? उन्होंने ये भी सवाल किया कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को भी इस मामले में अपनी भूमिका साफ करनी चाहिए, जो उस वक्त कर्नाटक के गृह मंत्री थे.
सुरजेवाला ने आरोप लगाते हुए कहा कि ये घोटाला बहुत बड़ा हो सकता है कि क्योंकि सिर्फ दो दिन 1 दिसंबर 2020 और 14 अप्रैल 2021 को 5,240 करोड़ रुपये का अवैध ट्रांजेक्शन हुआ था.
वहीं, इस आरोप पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने जवाब देते हुए कहा कि सुरजेवाला ने एक ट्विटर हैंडल के भरोसे 5,240 करोड़ रुपये के अवैध ट्रांजेक्शन का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि एक ट्विटर हैंडल के भरोसे ऐसा आरोप लगाना एक राष्ट्रीय पार्टी के प्रवक्ता को शोभा नहीं देता. वहीं, पुलिस ने भी इन आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि न तो कोई बिटकॉइन गायब हुए हैं और न ही ट्रांसफर किए गए हैं.
कौन हैं श्रीकृष्ण रमेश?
श्रीकृष्ण रमेश की उम्र लगभग 25 साल है. जब वो चौथी क्लास में था, तभी उसे कम्प्यूटर में इंट्रेस्ट आ गया और यहीं से उसने कम्प्यूटर लैंग्वेज सीखनी शुरू की. बताया जा रहा है कि उसने अपने स्कूल की वेबसाइट को हैक कर लिया था और उससे अपनी अटेंडेंस और मार्क्स बदल देता था. श्रीकृष्ण जब 8वीं क्लास में था, तभी वो ब्लैक कैट हैकर बन गया. बेंगलुरु के जयनगर में रहने वाला श्रीकृष्ण की स्कूली पढ़ाई यहीं से हुई और फिर कम्प्यूटर साइंस की पढ़ाई करने के लिए एम्सटर्डम चला गया.
यहां से लौटने के बाद भी वो हैकिंग में लग गया और पैसे कमाने के लिए कई वेबसाइटों को हैक किया. वो कई यूजर्स का डेटा भी चुरा लेता था और उसे लीक करने की धमकी देकर उनसे पैसे भी ऐंठता था. 2018 में भी उसके खिलाफ एक शख्स के साथ मारपीट करने के आरोप में केस दर्ज किया गया था.
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