बंगाल: मंगलकोट विस्फोट मामले में TMC नेता अनुब्रत मंडल समेत 13 बरी, कहा- सत्य की जीत हुई 

बंगाल में साल 2010 मंगलकोट विस्फोट के मामले में आरोपी टीएमसी नेता और बीरभूमि के अध्यक्ष अनुब्रत मंडल को बरी कर दिया गया है. उनके साथ और भी 13 आरोपियों को बरी किया गया है. कोर्ट से बरी होने के बाद न्यूज एजेंसी से बात करते हुए मंडल ने कहा कि सत्य की जीत हुई है.

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टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल (फाइल फोटो) टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल (फाइल फोटो)

सूर्याग्नि रॉय

  • कोलकाता,
  • 09 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:56 PM IST

पश्चिम बंगाल में साल 2010 में हुए मंगलकोट विस्फोट मामले में टीएमसी नेता और बीरभूमि जिलाध्यक्ष अनुब्रत मंडल समेत 13 लोगों को बरी कर दिया गया है. कोर्ट को इस मामले में कोई प्रमाण नहीं मिले हैं. इस मामले में उत्तर 24 परगना जिले की विशेष अदालत ने फैसला सुनाया है.

कोलकाता में सरकारी वकील शांतोमय बोस ने बताया कि सबूत नहीं मिलने की वजह से मंगलकोट विस्फोट के मामले में आरोपी टीएमसी नेता और बीरभूमि के अध्यक्ष अनुब्रत मंडल को बरी कर दिया गया है. उनके साथ और भी 13 आरोपियों को बरी किया गया है. कोर्ट से बरी होने के बाद न्यूज एजेंसी से बात करते हुए मंडल ने कहा कि सत्य की जीत हुई है. ये एक झूठा मामला था. मैंने कोई गलत काम नहीं किया है. बता दें कि अभी अनुब्रत मंडल पशु तस्करी के मामले में जेल में बंद हैं. 

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पशु तस्करी मामले में सीबीआई ने अनुब्रत मंडल को 11 अगस्त को गिरफ्तार किया था. उसके बाद अनुब्रत को आसनसोल की सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 10 दिन की रिमांड पर भेजा गया था. तब से वह लगातार जेल में ही बंद हैं. कई बार अनुब्रत की जमानत याचिका को रद्द कर दिया गया है, उन्होंने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत मांगी थी. सीबीआई ने अनुब्रत पर सीमापार पशुओं के कथित अवैध व्यापार मामले में शिकंजा कसा है.

सीबीआई कर रही मामले की जांच 

सीबीआई ने इस संबंध में 4 लोगों के खिलाफ 21 सितंबर 2020 को केस दर्ज किया था. इसमें तब के बीएसएफ कमांडेंट का नाम भी शामिल था. मामले की जांच के लिए सीबीआई ने देशभर में आरोपियों के कई ठिकानों पर छापा मारा और कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया था. सीबीआई का आरोप है कि आरोपियों ने गलत तरीके से हासिल किए गए धन को वैध बनाने के लिए कई फर्जी कारोबारी गतिविधियों को दिखाया. 

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10 समन जारी हुए, लेकिन पेश नहीं हुए थे अनुब्रत 

मामले में पूछताछ के लिए सीबीआई ने अनुब्रत मंडल को 10 समन जारी किए, लेकिन वे पेश नहीं हुए. इसके बाद सीबीआई ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था और गिरफ्तारी की अनुमति मांगी थी. दो दिन पहले ही सीबीआई ने अनुब्रत मंडल को तलब किया था, लेकिन वो नहीं पहुंचे. इसके बाद 11 अगस्त को सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. अनुब्रत टीएमसी के कद्दावर नेता और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाते हैं. 

 

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