बंगाल में संदेशखाली पर मचा बवाल, जांच के लिए आज जाएगी ST आयोग की टीम, सिख IPS को 'खालिस्तानी' कहने पर भी हंगामा

संदेशखाली मामले में मुख्य आरोपी पर एक्शन की मांग को लेकर बीजेपी लगातार टीएमसी पर दबाव बना रही है. इसको लेकर लगातार धरना-प्रदर्शन किए जा रहे हैं. इस बीच एक सिख IPS अधिकारी ने आरोप लगाया है कि किसी बीजेपी नेता ने उन्हें 'खालिस्तानी' कहा है. जिसको लेकर अब टीएमसी भी बीजेपी पर हमलावर हो गई है.

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संदेशखाली में महिलाओं का प्रदर्शन (फाइल फोटो) संदेशखाली में महिलाओं का प्रदर्शन (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:36 AM IST

पश्चिम बंगाल का संदेशखाली इन दिनों टीएमसी और बीजेपी के बीच राजनीति का अखाड़ा बना हुआ है. एक ओर बीजेपी के बड़े-बड़े नेता ममता सरकार को घेरने के लिए लगातार संदेशखाली का दौरा कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर टीएमसी और बंगाल पुलिस की ओर से दावा किया जा रहा है कि एक सिख आईपीएस अधिकारी को बीजेपी नेताओं ने खालिस्तानी कहा, जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. इस राजनीति के बीच अनुसूचित जनजाति आयोग की एक टीम आज संदेशखाली का दौरा करेगी.  

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संदेशखाली मामले की जांच करने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग, मानवाधिकार आयोग के बाद अब एसटी कमीशन की टीम भी जा रही है. टीम के सदस्य कोलकाता पहुंच चुके हैं. इस टीम में कमीशन के उपाध्यक्ष अनंत नायक, डायरेक्टर मिरांडा इंगुदम, डिप्टी डायरेक्टर राकेश कुमार दुबे और विभूति भूषण बिस्वाल शामिल हैं. यह टीम PWD स्टेट गेस्ट हाउस से सुबह 8 बजे संदेशखाली जाएगी.  

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मानवाधिकार आयोग ने लिया स्वत: संज्ञान 

संदेशखाली मामले में मीडिया रिपोर्ट्स को देखते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी स्वत: संज्ञान लिया है. आयोग ने इस मामले में गंभीर चिंता जताते हुए राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है.  

ममता मामले को दबाने का प्रयास कर रहीं: नित्यानंद राय 

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केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि संदेशखाली में बहुत खराब हालात हैं. ममता बनर्जी को सबकुछ पता है, लेकिन वो मामला दबाने का प्रयास कर रही हैं. वहां महिलाओं की हालत बद से बदतर हो चुकी है.  

रविशंकर प्रसाद ने भी उठाए सवाल 

वहीं बीजेपी के सीनियर नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि संदेशखाली का मुद्दा काफी गंभीर हो रहा है. ऐसी घटना सभ्य समाज के लिए शर्मनाक है, लेकिन ममता जी इसका अभी भी बचाव कर रही हैं. शुभेंदु जी कोर्ट के आदेश पर गए और महिलाओं ने रो-रोकर अपनी बात बता रही हैं. ममता जी क्या और क्यों छुपा रही है. ममता जी सीपीएम के खिलाफ आंदोलन करके आईं, लेकिन आखिर उनका अत्याचार सीपीएम से भी अधिक हो गया. SIT सवाल कर रही है या फिर उन्हें बेइज्जत कर रही है. 

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'खालिस्तानी' विवाद पर शुभेंदु ने बंगाल पुलिस को घेरा 

वहीं शुभेंदु अधिकारी ने एक पुराने मामले की याद दिलाकर पश्चिम बंगाल पुलिस पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि साल 2020 में जब कोलकाता में भारतीय जनता युवा मोर्चा का विरोध प्रदर्शन हुआ था, उस समय बंगाल पुलिस ने बलविंदर सिंह के साथ दुर्व्यवहार किया, उनकी पगड़ी उतार दी और बाल पकड़कर घसीटा. इस बंगाल पुलिस ने उस मामले में अबतक बलविंदर से कोई माफी नहीं मांगी है और न्याय दिलाने में मदद के लिए कोई कदम नहीं उठाया है. अब ममता बनर्जी के निर्देशों का पालन करते हुए उपद्रव पैदा करने की कोशिश की ताकि इसे संदेशखाली का ध्यान भटकाने के लिए रणनीति के रूप में इस्तेमाल किया जा सके.  

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किसने बोला खालिस्तानी, वीडियो दिखाएं: अग्निमित्रा पॉल 

बीजेपी विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कहा, "ममता बनर्जी भाजपा से बहुत डर गई हैं. उनके जाने का समय हो गया है. संदेशखाली में जो भयानक किस्सा हुआ है वे सभी को मालूम हो गया है, उसे वे छुपाना चाहती हैं और उसे मुख्य मुद्दे से भटकाने के लिए ये नाटक हो रहा है. उस ऑफिसर को किसने खालिस्तानी बोला है? हमने तो नहीं बोला है. हमने कल भी मुख्यमंत्री को चुनौती दी है कि अगर आपके पास वीडियो है तो उसे सामने लाएं. अगर भाजपा से किसी ने भी बोला है तो उसे सामने लाया जाए. 24 घंटे हो गए हैं अभी तक आप वीडियो नहीं लाए." 

क्या है ये पूरा मामला? 

सिख पुलिस अधिकारी का मामला तब सामने आया, जब बीजेपी के नेता संदेशखाली जाने की जिद पर अड़े हुए थे और उन्हें पुलिस ने रोका हुआ था. उसी समय बीजेपी के किसी नेता की ओर से सिख IPS अधिकारी पर कॉमेंट किया गया, जिसके बाद उनका वीडियो सामने आया, जिसमें वो कह रहे हैं, "आप मुझे ख़ालिस्तानी बोल रहे हैं, क्योंकि मैंने पगड़ी पहनी है."  

वहीं  पुलिस की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि "यह टिप्पणी जितनी दुर्भावनापूर्ण और नस्लीय है, उतनी ही सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ भी है. यह एक आपराधिक कृत्य है. हम स्पष्ट रूप से किसी व्यक्ति की धार्मिक पहचान और मान्यताओं पर अस्वीकार्य हमले की निंदा करते हैं जिसका उद्देश्य लोगों को हिंसा करने और कानून तोड़ने के लिए उकसाना है. कड़ी कानूनी कार्रवाई शुरू की जा रही है." 

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राहुल गांधी ने बीजेपी को घेरा 

वहीं इस घटना को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा, "अपना ‘राजनीतिक बाज़ार’ सजाने के लिए भाजपा द्वारा की गई ‘नफरत की खेती’ का ज़हर समाज में फैल चुका है. इस ज़हर से अंधे हो चुके लोग न किसान देख रहे हैं, न जवान और न ही खाकी का सम्मान. देश IPS जसप्रीत सिंह के साथ है."

क्या है संदेशखाली हिंसा का पूरा मामला? 

बता दें कि संदेशखाली में बीते कुछ दिनों से तनाव का माहौल है. यहां महिलाओं ने टीएमसी नेताओं पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे और जब उनपर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उनके खिलाफ महिलाओं ने प्रदर्शन भी किया था. उसके बाद ये मामला सड़क से लेकर विधानसभा तक गूंजा, तब जाकर टीएमसी के तीन नेताओं की गिरफ्तारी हुई, लेकिन अब भी मुख्य आरोपी शाहजहां शेख फरार है. बीजेपी आरोप लगा रही है कि ममता बनर्जी शाहजहां शेख को बचा रही हैं. 

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