Monsoon Update: मॉनसून की वापसी में देरी क्यों, आखिर कब होगी विदाई? जाते-जाते इन राज्यों में जमकर बरसात

19 से 25 सितंबर के बीच दक्षिण-पश्चिम मानसून के लौटने की उम्मीद जताई जा रही है. आईएमडी के अनुसार, 19-25 सितंबर के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल होने की संभावना है.

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कुमार कुणाल

  • नई दिल्ली,
  • 14 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:55 AM IST

दिल्ली-NCR समेत कुछ राज्यों में लगातारी बारिश हो रही है. भारी बारिश की वजह से मौसम सुहावना हो गया है. इसके साथ ही कई जगहों पर जलजमाव की स्थिति दिख रही है. सड़कों पर पानी जमा होने के कारण कई जगहों पर लोगों को काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है. वहीं,  ECMWF(European Centre for Medium-Range Weather Forecasts) के पूर्वानुमानों के अनुसार, सितंबर के आखिरी सप्ताह से मॉनसून की विदाई शुरू होने की संभावना है. इसके साथ ही मध्य और दक्षिण भारत में बारिश की संभावना है. 

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22 और 23 को हो सकती है बारिश
ECMWFने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के लिए उत्तर-पश्चिमी भारत, विशेष रूप से पश्चिमी राजस्थान और उससे सटे पंजाब से 23 या 24 सितंबर के आसपास मॉनसून की वापसी होने के संकेत मिल रहे हैं. वहीं, कुछ कारणों से ये भी उम्मीद की जा रही है कि इस सप्ताह के अंत तक मौसम पूरी तरह से शुष्क हो जाएगा. हालांकि, ईसीएमडब्ल्यूएफ और कुछ अन्य मॉडल सुझाव देते हैं कि राजस्थान में आने वाली नमी के कारण 22 या 23 सितंबर तक हल्की बारिश हो सकती है.

जानें पंजाब में कब होगी मॉनसून की वापसी?
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून का उत्तर-पश्चिम भारत, विशेष रूप से पश्चिम राजस्थान और आसपास के पंजाब क्षेत्रों से 23 या 24 सितंबर से धीरे-धीरे वापस जाने की उम्मीद है. कुछ अनिश्चितताएं हैं, अधिकांश मौसम मॉडल इस सप्ताहांत से पूरी तरह से शुष्क स्थिति की भविष्यवाणी कर रहे हैं. हालांकि, ECMWF और अन्य कुछ मॉडल के अनुसार,  22 या 23 सितंबर तक राजस्थान में थोड़ी बारिश हो सकती है. इसके बाद आमतौर पर मॉनसून की वापसी के संकेत मिल रहे हैं. हालांकि, गीली मिट्टी और वातावरण में शेष नमी के कारण तेज गर्मी के बाद गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं. यह मॉनसून के धीरे-धीरे पश्चिम की ओर बढ़ने के संकेत हो सकते हैं.

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इन कारणों से देरी से मॉनसून की होगी वापसी
इसके बाद, एक तूफान के विकसित होने की उम्मीद है, जो आम तौर पर मॉनसून के मौसम की वापसी का संकेत देता है. हालांकि, गीली मिट्टी और वातावरण में अवशिष्ट नमी कभी-कभी चक्रवाती तूफान के बनने के बाद भी काफी गर्म मौसम के बाद गरज के साथ बारिश हो सकती है. इससे बड़े पैमाने पर स्थितियां मौसमी बदलावों का संकेत दे रही हैं क्योंकि कुछ दिनों के बाद सितंबर खत्म हो जाएगा, इसलिए मॉनसून की वापसी पश्चिम की ओर धीमी गति से हो सकती है. 14 सितंबर से 4 अक्टूबर तक की अवधि के लिए वैश्विक एमएमई वर्षा पूर्वानुमान के अनुसार, विभिन्न मौसमी गतिविधियों के कारण मध्य भारत और प्रायद्वीपीय क्षेत्र में सक्रिय मॉनसून की स्थिति लौटने की उम्मीद है. इस कारण कई राज्यों में भारी बारिश हो सकती है.

इन राज्यों में भारी बारिश की उम्मीद
मध्य भारत और उससे सटे उत्तरी भारत में पश्चिम की ओर बढ़ने वाली निम्न दबाव प्रणाली की संभावना है, जिसके परिणामस्वरूप मध्य प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और गोवा जैसे क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है. इसके अतिरिक्त आने वाले दिनों में दक्षिण कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ बारिश की संभावना है. इसके साथ ही 18 और 19 सितंबर के आसपास गरज के साथ बारिश में और वृद्धि होने की उम्मीद है.  मध्य भारत और आसपास के उत्तर प्रायद्वीपीय भारत में कम दबाव प्रणालियों के पश्चिम की ओर बढ़ने से मध्य प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और गोवा जैसे क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है. 18 और 19 सितंबर के आसपास दक्षिणी कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में गरज के साथ बारिश की संभावना बढ़ती दिख रही है, जबकि मौसम मॉडल के अनुसार मध्य और प्रायद्वीपीय भारत के लिए सक्रिय मॉनसून का संकेत मिल रहा है, जबकि उत्तर-पश्चिमी भारत में मानसून की धीरे-धीरे वापसी हो सकती है.

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