भारत ने बनाया अपना पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम, VSHORADS मिसाइल सिस्टम की सफल टेस्टिंग

भारत ने स्वेदशी पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम बनाने में बड़ी कामयाबी हासिल की है. ओडिशा के चांदीपुर में डीआरडीओ ने VSHORADS मिसाइल सिस्टम की सफल टेस्टिंग की है. खासबात ये है कि कम ऊंचाई पर उड़ने वाले किसी भी टार्गेट को ये सटीकता के साथ नष्ट कर सकता है. यह मिसाइल प्रणाली भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम है और देश की वायु सुरक्षा प्रणाली को और मजबूत बनाएगी.

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VSHORADS मिसाइल सिस्टम की हुई सफल टेस्टिंग VSHORADS मिसाइल सिस्टम की हुई सफल टेस्टिंग

aajtak.in

  • चांदीपुर,
  • 01 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 10:29 PM IST

भारत ने रक्षा के क्षेत्र में बड़ी कामयाबी हासिल की है. ओडिशा के चांदीपुर तट से रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को बेहद कम दूरी की एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम (VSHORADS) की तीन सफल टेस्टिंग की है. इस दौरान कम ऊंचाई पर तेज गति से उड़ने वाले टार्गेट को इस मिसाइल ने सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया.

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और सशस्त्र बलों को बधाई दी.

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रक्षा मंत्रालय ने बताया कि सभी तीन परीक्षणों में मिसाइलों ने लक्ष्यों को भेदकर पूरी तरह नष्ट कर दिया. इन लक्ष्यों को कम ऊष्मीय संकेतक (thermal signature) के साथ उड़ने वाले ड्रोन के रूप में तैयार किया गया था, ताकि अलग-अलग उड़ान परिस्थितियों में टेस्टिंग की जा सके.

VSHORADS मिसाइल सिस्टम की खासियत

यह एक मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम (MANPADS) है, जिसे रिसर्च सेंटर (RCI) द्वारा विकसित किया गया है. इसे अन्य DRDO प्रयोगशालाओं और भारतीय औद्योगिक साझेदारों के सहयोग से स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया है. टेस्टिंग में दो फील्ड ऑपरेटरों ने हथियार तैयार करने, लक्ष्य को पहचानने और मिसाइल दागने की प्रक्रिया को अंजाम दिया.

यह प्रणाली ड्रोन के साथ-साथ अन्य हवाई खतरों को भी प्रभावी ढंग से निष्क्रिय करने की क्षमता रखती है. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि टेस्टिंग के दौरान टेलीमेट्री, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम और रडार जैसे अलग-अलग उपकरणों के माध्यम से मिसाइल प्रणाली की क्षमता को सत्यापित किया गया. यह मिसाइल प्रणाली भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम है और देश की वायु सुरक्षा प्रणाली को और मजबूत बनाएगी.

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