रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस समय भारत के दो दिनों के दौरे पर हैं. लेकिन भारत पहुंचने से पहले राष्ट्रपति पुतिन ने रूस की राजधानी मॉस्को के क्रेमलिन में आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन को दिए वर्ल्ड एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत-रूस के संबंधों सहित कई मुद्दों पर खुलकर बातचीत की.
राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि भारत के साथ हमारे रिश्तों का इतिहास अनोखा है. भारत और रूस के संबंध नए आयाम छू रहे हैं. पूरी दुनिया तेजी से बदल रही है. इस बीच पीएम मोदी के साथ हमारे संबंध अहम भूमिका निभाते हैं. मोदी के साथ हमारे संबंध अहम हैं. कुल मिलाकर हमारा आपसी सहयोग हमारे लक्ष्यों की प्राप्ति की गारंटी है. पीएम मोदी सरकार और देश के सामने कई लक्ष्य रख चुके हैं. उनकी सोच काम को लेकर बेहद व्यावहारिक है. उन्होंने कहा कि भारत एक शक्तिशाली देश है जो किसी के दबाव में नहीं आता है.
इंटरव्यू के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं इस बात से सबसे ज्यादा खुश हूं कि मेरी बात मेरे दोस्त, प्रधानमंत्री मोदी से होने वाली है. भारत में इस मुलाकात को लेकर हम बहुत पहले ही सहमति जता चुके थे. हमारे बीच चर्चा करने को बहुत कुछ है क्योंकि भारत के साथ हमारे साझा सहयोग का विस्तार बहुत बड़ा है.
भारत आने से पहले पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की जिसमें उन्होंने कई वैश्विक मुद्दों पर बेबाकी से अपनी बात रखी. इनमें एक मुद्दा रूस-यूक्रेन युद्ध भी था जिस पर पुतिन के विचार पूरी दुनिया जानना चाह रही है. रूस-यूक्रेन जंग को लेकर पुतिन से पूछा गया कि आपकी नजर में रूस के लिए इस युद्ध में क्या विजय मानी जाएगी? लाल रेखाएं क्या हैं? क्योंकि आपने बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि रूस तभी हथियार डालेगा अगर कीव की सेनाएं रूस की ओर से दावा किए गए इलाकों से पीछे हट जाएं. वो कौन से हिस्से होंगे? पुतिन ने कहा, 'बात जीत की नहीं है. बात इस बात की है कि रूस अपनी रक्षा कर रहा है और करता रहेगा- हमारे हितों की और उन लोगों की जो वहां रहते हैं. यह हमारे परंपरागत मूल्य, रूसी भाषा और संस्कृति की रक्षा की बात है. साथ ही, यह धर्म और आस्था की भी रक्षा है, जो सदियों से उन क्षेत्रों में मौजूद रही है. आप जानते हैं कि यूक्रेन में रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च को लगभग प्रतिबंधित कर दिया गया है. चर्चों में जबरन कब्जा किया गया और लोगों को वहां से निकाल दिया गया. मैं तो यहां रूसी भाषा पर प्रतिबंध की बात भी नहीं कर रहा. यह एक जटिल और व्यापक मुद्दों का समूह है.'
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रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने आजतक को दिए इंटरव्यू में ब्रिक्स मुद्रा की योजना पर कहा कि हमें जल्दबाजी करने की कोई जरूरत नहीं है. रूस अभी ब्रिक्स मुद्रा बनाने की योजना नहीं बना रहा है. दरअसल कई बार जल्दबाजी से गलती हो जाती है. आप यूरोप को देखिए, वहां अमेरिकी सिस्टम है. कई देश इसके लिए तैयार नहीं है. अपनी मुद्रा में हम आसानी से ट्रेड नहीं कर सकते हैं. हम जो करने जा रहे हैं, उसे सावधानी और समझदारी से करना होगा. हमें अपनी मुद्रा का इस्तेमाल करना चाहिए. मैं यह मानकर चल रहा हूं कि यह बेहद शानदार होने वाला है. इससे ग्लोबल साउथ के देशों का विकास होगा. हमारा लाभ भी होगा. आज के समय में इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट सिस्टम का तेजी से विकास हो रहा है.
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रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैंने जी8 में जाना छोड़ दिया है. 2012 के बाद मैंने जी-8 में जाना छोड़ दिया था. मुझे समझ नहीं आता कि जी-7 देश खुद को बड़ा क्यों मानते हैं. अब रूस ब्रिक्स, एससीओ और जी20 जैसे फोरम में सक्रिय है. रूस और यूरोपीय संघ के संबंध अब सामान्य नहीं हैं. विकास के नए केंद्र तेजी से उभर रहे हैं. ये बदलाव खासकर ग्लोबल साउथ में हो रहा है. सिर्फ भारत ही नहीं इंडोनेशिया भी तेजी से उभर रहा है. ये तेजी से विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है. इसी तरह अफ्रीका भी तेजी से विकास कर रहा है क्योंकि वहां युवा आबादी है. वैश्विक अर्थव्यवस्था में तेजी से बदलाव हो रहा है. दुनिया हमेशा बदलती रहती है.
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इस इंटरव्यू के दौरान रूसी राष्ट्रपति पुतिन से रूस-यूक्रेन युद्ध सुलझाने में अमेरिका की भूमिका को लेकर भी सवाल किया. इस दौरान पुतिन ने अमेरिका से चल रही बातचीत और ट्रंप के इस युद्ध को खत्म करने के प्रयासों पर विस्तार से बात की. क्रेमलिन में जेयर्ड कुश्नर और स्टीव विटकॉफ के साथ पुतिन की मीटिंग से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए पुतिन ने कहा कि अभी इस बातचीत के मायने निकालना थोड़ी जल्दबाजी होगी. मुझे नहीं लगता आप वहां होते भी तो उस चर्चा को सुनकर आपको कुछ हासिल होता. ये बैठक पांच घंटे चली. मैं खुद इतनी लंबी बैठक से ऊब गया था पर ये बैठक जरूरी थी. जरा सोचिए इस पूरी बैठक में विटकॉफ और कुश्नर के साथ मैं अकेला था. लेकिन सच कहूं तो ये एक बेहद अहम बैठक थी. हालांकि इस बैठक में राष्ट्रपति ट्रंप के साथ अलास्का में हुई बैठक से पहले हुए समझौते और उससे जुड़े बिंदुओं पर ही बातचीत हुई. हां, इस बार हमने एक एक बिंदु पर सिलसिलेवार बातचीत की जो कुल मिला कर काफी सार्थक रहा.
राष्ट्रपति पुतिन ने ट्रंप की तारीफ करते हुए कहा कि अमेरिका और राष्ट्रपति ट्रंप, वास्तव में उनके पास ये समझ है कि ये सब क्यों खत्म होना चाहिए और जितना हो सके, उतनी जल्दी. इसी कड़ी में मानवीय मुद्दों की बात करें तो मेरा पूरा विश्वास है कि ये उन वजहों में से एक है, जिसके पीछे राष्ट्रपति ट्रंप का व्यवहार है. क्योंकि वह हमेशा कहते रहे हैं और मुझे यक़ीन है कि यह सच है कि वे नुकसान को कम से कम रखना चाहते हैं. मुझे यकीन है कि उनके मन में इसे लेकर मानवीय पहलू भी हैं, लेकिन इसके अलावा भी राजनीतिक और आर्थिक वजहें हैं. मुझे यकीन है कि अमेरिका कोई न कोई समाधान खोजने की कोशिश कर रहा है. राष्ट्रपति ट्रंप कई बार ये दावा करते रहे हैं कि उन्होंने युद्ध खत्म किए. वैसे भारत के लिए निराशाजनक रहा जब उन्होंने दावा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कर सीजफायर कराया. अब वो रूस-यूक्रेन तो कभी इजरायल को देख रहे हैं. पुतिन इस बात पर ट्रंप का पक्ष लेते नजर आए, उन्होंने कहा कि यूक्रेन को लेकर तो निश्चित रूप से पीसमेकर हैं. मैं फिर से कह सकता हूं कि इसे लेकर मैं सकारात्मक हूं. मुझे कोई शक नहीं है कि वो पूरी ईमानदारी से एक शांतिपूर्ण समाधान खोजने का प्रयास कर रहे हैं.
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रूस से सस्ते दाम पर कच्चा तेल खरीदे जाने पर अमेरिका की ओर से उठाई जा रही आपत्तियों से जुड़े सवाल पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं कभी अपने सहयोगियों का चरित्र-चित्रण नहीं करता. उनका भी नहीं, जिन्होंने मेरे साथ काम किया और खासतौर पर राष्ट्राध्यक्षों का तो बिलकुल नहीं. मेरे विचार में ये आकलन उस देश के नागरिकों को करना चाहिये जिन्होंने उन्हें वोट देकर सत्ता सौंपी. जहां तक भारत की ओर से रूस से उर्जा संसाधनों की खरीद की बात है तो मैं साफ कर दूं कि अमेरिका अब भी अपने न्यूक्लियर पावर प्लांट्स के लिए हमसे परमाणु ऊर्जा की खरीद करता है. इनमें अमेरिका में चल रहे न्यूक्लियर पावर प्लांट्स के लिए यूरेनियम भी शामिल है. तो अगर अमेरिका खुद अपनी ऊर्जा जरूरतें रूस के जरिये पूरी करता है तो फिर भारत की खरीद को लेकर उन्हें आपत्ति क्यों है? इस विषय पर गहन अध्ययन की जरूरत है. और हम इसे लेकर राष्ट्रपति ट्रंप से चर्चा के लिए भी तैयार हैं.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साफ कर दिया है कि भारत और रूस के बीच कई अहम समझौते हो सकते हैं. पुतिन ने बताया कि भारत और रूस हाई टेक्नोलॉजी, स्पेस टेक्नोलॉजी, न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी से लेकर शिप बिल्डिंग, एयरक्राफ्ट बिल्डिंग और भविष्य को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं. पुतिन ने भारत की प्रगति की तारीफ करते हुए कहा कि पूरी दुनिया देख रही है! मुझे नहीं लगता कि इसमें कुछ खास है. भारत एक बहुत विशाल देश है. ये 150 करोड़ लोगों का देश है. ये एक विकासशील देश है, जहां विकास की दर 7.7 फीसदी है. ये प्रधानमंत्री मोदी की एक बड़ी उपलब्धि है. ये भारत के नागरिकों के लिए गौरव की बात है. हालांकि, आलोचना करने वाले हमेशा कह सकते हैं कि इससे बेहतर किया जा सकता था. पर नतीजे सबके सामने हैं.
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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत पहुंच चुके हैं. पालम एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़े ही गर्मजोशी से उनका स्वागत किया. पुतिन का यह दौरा बेहद ऐतिहासिक रहने वाला है जिसमें दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर की तैयारी है.
इस दौरे से पहले आजतक के इंटरव्यू में पुतिन से भारत-रूस के बीच संभावित समझौतों को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, 'भारत एक महान देश है जिसकी अर्थव्यवस्था 7.7 प्रतिशत की दर से तेजी से विकसित हो रही है. यह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक बड़ी उपलब्धि है, जिस पर भारत को गर्व होना चाहिए. आलोचक हमेशा रहेंगे जो कहेंगे कि चीजें और बेहतर हो सकती थीं, लेकिन नतीजे खुद सब कुछ कह देते हैं.'
पुतिन ने बिना अधिक विवरण दिए यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने की तैयारी है.
उन्होंने कहा, 'भारत और रूस अंतरिक्ष अनुसंधान, परमाणु ऊर्जा, जहाज निर्माण और विमान निर्माण में एक साथ काम कर रहे हैं. ऐसे क्षेत्र जो भविष्य को आकार देते हैं. हम कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पर भी चर्चा कर सकते हैं, जो हमारी दुनिया को बदल रही है. हम अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों को भी प्राथमिकता देंगे.'
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत पहुंच चुके हैं. अपने इस अहम भारत दौरे से पहले रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इंडिया टुडे ग्रुप को एक इंटरव्यू दिया है. इस इंटरव्यू में पुतिन से द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर सवाल किए गए जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से जुड़े सवाल भी शामिल थे.
रूसी राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन में अंजना ओम कश्यप और गीता मोहन ने पुतिन का इंटरव्यू लिया. इंटरव्यू का अपना अनुभव सुनाते हुए अंजना ओम कश्यप ने कहा, 'मैंने ऑफ द रिकॉर्ड कई सवाल उनसे पूछे... उन्होंने बल्कि मुझे कहा भी कि आपने बड़ी कोशिश की थी मुझे डोनाल्ड ट्रंप के सवाल पर घेरने की कोशिश, लेकिन मैंने बहुत संभलकर बोला है. इसलिए क्योंकि हमारी कोशिश किसी से रिश्ता खराब करने की नहीं बल्कि रिश्ता अच्छा करने की है... भारत और रूस का रिश्ता सबसे अच्छा करना है.'
आजतक के खास इंटरव्यू में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से रूसी तेल पर बढ़ते अमेरिकी दबाव पर सवाल किया गया. उनसे पूछा गया कि पश्चिमी देशों के दबाव की वजह से भारत प्रभावित हुआ है. दोनों देश किस तरह से इस दबाव का सामना करेंगे?
जवाब में व्लादिमीर पुतिन ने कहा, 'यहां मुद्दा ये है कि जिस दबाव का आपने जिक्र किया वो असल में राजनीति का इस्तेमाल करके सामान्य व्यापार और प्रतिस्पर्धा में दखल देने की कोशिश है. भारत के साथ हमारा ऊर्जा सहयोग वर्तमान परिस्थितियों से, अस्थायी राजनीतिक उतार–चढ़ाव से या यूक्रेन में हुई दुखद घटनाओं से प्रभावित नहीं हुआ है.'
आजतक के इंटरव्यू में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन युद्ध के समाधान को लेकर अपनी राय दी. उन्होंने कहा कि युद्ध के दो ही समाधान हैं कि या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले.
अंजना ओम कश्यप और गीता मोहन से बात करते हुए राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, 'देखिए मैंने इसका जवाब दे दिया है. हमने आठ सालों तक स्वघोषित गणराज्यों को मान्यता नहीं दी. अब 8 सालों से हमने आजादी घोषित कर दी है, हम लोग यूक्रेन के बाकी हिस्सों और इन रिपब्लिक्स के साथ रिश्ते बनाने की कोशिश कर रहे थे. जब हमें ये समझ में आ गया कि ऐसा करना असंभव है तो हम इन्हें मान्यता देने पर मजबूर हो गए.'
पुतिन ने कहा कि रूस के पास अब एक ही विकल्प है कि या तो सैन्य समाधान के जरिए उन क्षेत्रों को स्वतंत्र कराया जाए या यूक्रेन इन इलाकों से अपनी सेना वापस कर ले. आजतक के साथ राष्ट्रपति पुतिन का यह इंटरव्यू आज रात 9 बजे प्रसारित किया जाएगा.
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भारत आने से पहले आजतक के इंटरव्यू में वैश्विक और द्विपक्षीय मुद्दों पर बात की जिसमें यूक्रेन का मुद्दा भी शामिल है. इंडिया टुडे ग्रुप की अंजना ओम कश्यप और गीता मोहन को दिए इंटरव्यू में रूसी राष्ट्रपति ने कहा यूक्रेन संघर्ष सुलझाने पर कहा, 'यह एक बहुत पेचीदा विषय है. मैं इसे लेकर कटाक्ष नहीं कर रहा लेकिन दोनों पक्षों को एकमत करना बहुत जटिल काम है. हालांकि, मैं मानता हूं कि राष्ट्रपति ट्रंप सचमुच इस मुद्दे का हल चाहते हैं.'
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 'India Today Group' को दिए वर्ल्ड एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'दबाव में झुकने वाले नेता नहीं हैं.' पुतिन का यह बयान भारत पर अमेरिका के लगाए गए टैरिफ के संदर्भ में आया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप रूसी तेल की खरीद रोकने के लिए भारत पर लगातार दबाव बना रहे हैं लेकिन भारत ने दबाव में आकर कोई काम नहीं किया है बल्कि हमेशा अपने राष्ट्रीय हितों को आगे रखा है.
इंटरव्यू के दौरान पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि दुनिया ने भारत की मजबूत और स्पष्ट स्थिति देखी है. उन्होंने कहा कि भारत अपने नेतृत्व पर गर्व कर सकता है.
आजतक के खास इंटरव्यू में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि ऊर्जा को लेकर अमेरिका समेत पश्चिमी देश दोहरा रवैया अपनाते हैं. पुतिन ने कहा कि अमेरिका रूस से न्यूक्लियर फ्यूल खरीदता है, लेकिन भारत पर कच्चा तेल आयात करने के लिए प्रतिबंध लगाता है.
उन्होंने कहा, 'अमेरिका हमसे परमाणु ऊर्जा खरीदता है और फिर हमें ज्ञान देने की कोशिश करता है.' राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि भारत ने 77 सालों में ‘चमत्कारी’ विकास किया है और भारत में औसत जीवन-प्रत्याशा लगभग दोगुनी हो गई है.
भारत रक्षा हथियारों के लिए निर्भर नहीं बल्कि आत्मनिर्भर बनना चाहता है और इसी प्रयास में रूस समेत अपने सभी रक्षा भागीदारों के साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की दिशा में काम कर रहा है. इसी संबंंध में जब पुतिन से आजतक के इंटरव्यू के दौरान पूछा गया कि क्या डिफेंस सेक्टर में रूस भारत को टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करेगा?
तो उन्होंने बताया, 'भारत एक बड़ा देश है, कई सेक्टर में काफी प्रगति कर रहा है. हम साथ मिलकर काम कर रहे हैं और जाहिर है भविष्य में कई और क्षेत्रों में हम साथ मिलकर साझेदारी में काम करेंगे.'
पुतिन का भारत दौरा भारत के लिए कई अहम समझौतों की सौगात लेकर आ रहा है. पुतिन के दौरे से ठीक पहले भी रूस ने भारत को बड़ी खुशखबरी देते हुए RELOS समझौते को मंजूदी दे दी. रूस की संसद ड्यूमा ने दोनों देशों के बीच RELOS (Reciprocal Exchange of Logistics Support) यानी रसद समझौते का पारस्परिक आदान-प्रदान समझौते पर अपनी मुहर लगा दी है. इस समझौते के बाद भारत और रूस की सेनाएं जरूरत पड़ने पर एक-दूसरे की सुविधाओं की इस्तेमाल कर सकेंगी जिसमें ईंधन, बेस जैसी चीजें शामिल हैं.
पुतिन के भारत दौरे में बहुत से अहम समझौतों की उम्मीद है जिनमें शामिल हैं-
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 'आजतक' से बातचीत में ट्रंप के दामाद जेयर्ड कुशनर से हालिया मुलाकात का भी जिक्र किया. मंगलवार को पुतिन ने रूसी राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन में यूक्रेन संघर्ष के मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और ट्रंप के दामाद जेयर्ड कुशनर से मुलाकात की थी.
आजतक से खास इंटरव्यू में पुतिन ने इस मुलाकात का जिक्र किया और कहा कि वो इस लंबी बातचीत के दौरान बोर हो गए थे. आजतक की मैनेजिंग एडिटर, एंकर अंजना ओम कश्यप के मुताबिक, राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, 'हां, वो दो थे और मैं अकेला... अगर आप लोग वहां पर होते तो बोर हो जाते... पांच घंटे की बातचीत थी दोनों के साथ.'
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार शाम नई दिल्ली पहुंचेंगे. इसके बाद वो लोक कल्याण मार्ग स्थित पीएम आवास पहुंचेंगे जहां पीएम मोदी उनके लिए एक प्राइवेट डिनर होस्ट करेंगे. पुतिन का यह दौरा भारत और रूस के बीच स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप के 25 साल पूरे होने का भी प्रतीक है, जो इसे दोनों देशों के लिए बहुत महत्वपूर्ण बनाता है.
पुतिन का मुख्य कार्यक्रम शुक्रवार को तय हैं, जिसकी शुरुआत राजघाट के दौरे से होगी. इसके बाद राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत होगा. मुख्य शिखर सम्मेलन के लिए पुतिन हैदराबाद हाउस जाएंगे जहां पीएम मोदी के साथ उनकी द्विपक्षीय बातचीत होगी.
इसी साल अगस्त-सितंबर में चीन के तियानजिन में हुए 25वें शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात हुई थी. इस दौरान दोनों नेता एक ही कार में बैठे दिखे जिसकी दुनियाभर में चर्चा हुई.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक ही कार में बैठकर जाने के बारे में हुए सवाल का जवाब देते हुए राष्ट्रपति पुतिन ने बताया कि हम दोनों के बीच सामयिक विषयों पर ही बातचीत हुई. उन्होंने कहा, 'इसे लेकर पहले से कोई तैयारी नहीं थी, हम दोनों बाहर निकले, सामने मुझे मेरी कार दिखाई दी. मैंने उन्हें साथ चलने को कहा. रास्ते में हम दोनों ने बस आम दोस्तों की तरह बात की. हमारे पास हमेशा बातचीत करने के लिए कुछ ना कुछ होता है.'