'सिंध को पाकिस्तान से अलग करने के लिए तैयार', विश्व हिंदू परिषद ने दिया इजरायल का हवाला

विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष अलोक कुमार ने सिंधी समाज के लोगों को संबोधित करते हुए कहा है कि वहां (सिंध में) जो लोग रहते हैं, उनका जीवन सुरक्षित नहीं है. उनकी संपत्ति सुरक्षित नहीं है. उनकी बेटियां सुरक्षित नहीं है. लेकिन फिर भी वे लोग विरोध यातना-प्रताड़ना को सहते हुए अपने धर्म को बचाकर जी रहे हैं.

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राम किंकर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 15 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 9:45 AM IST

विश्व हिंदू परिषद (VHP) राम मंदिर को लेकर समाज और लोगों को एकजुट करने में जुटा हुआ है. इस बीच वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने दिल्ली के लाजपत नगर में सिंधी समाज के लोगों को संबोधित किया. उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि 'लगातार सिंध से आने वाले समाचार चिंता में डालते हैं.'

आलोक कुमार ने आगे कहा कि वहां (सिंध में) जो लोग रहते हैं, उनका जीवन सुरक्षित नहीं है. उनकी संपत्ति सुरक्षित नहीं है. उनकी बेटियां सुरक्षित नहीं है. लेकिन फिर भी वे लोग विरोध यातना-प्रताड़ना को सहते हुए अपने धर्म को बचाकर जी रहे हैं. इन्हें प्रणाम कहना चाहिए. आलोक कुमार ने इजरायल का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर 1000 साल के बाद वो देश आजाद हो सकता है तो सिंध का पाकिस्तान में रहना सेटल्ड फैक्ट नहीं है.

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इस तरह आया 22 जनवरी का दिन

वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि अगर कोई इस बात को सेटल्ड फैक्ट मानता है कि पाकिस्तान का सिंध में रहना ठीक है तो हम सब उसे अनसैटल करने के लिए तैयार हैं. सिंध की आजादी केवल कल्पना और स्वप्न नहीं है. यह वह संकल्प है, जो हमारे हृदय में बने रहना चाहिए. हम सब मिलकर इस को हासिल करेंगे. सिंधी समाज की करीब 83 संस्थाओं की फेडरेशन (प्रगतिशील सिंधी समाज) है. आलोक कुमार ने यह भी कहा कि भारत के अंदर जो गुलामी के निशान थे 500 साल का संघर्ष 76 युद्ध और लाखों का बलिदान हुआ और उन बलिदानियों के रक्त से 22 जनवरी का दिन आया.

500 साल बाद राम मंदिर तो...

प्रगतिशील सिंधी समाज के यूथ विंग के अध्यक्ष जितिन राजपूत का कहना है कि 500 साल की संघर्ष के बाद जब राम मंदिर की प्रतिष्ठा हो सकती है और राम मंदिर वापस मिल सकता है तो आजादी के 75 साल के बाद सिंध प्रांत भी वापस मिलेगा. सिंध प्रांत को सिंधी अपना ही मानते हैं कल को वह भी अखंड भारत का हिस्सा होगा, जिसमें सिंधी चीफ मिनिस्टर होगा. सिंधी कल्चर होगा और सिंधी समाज बसेगा. आलोक कुमार ने कंफर्म किया है कि लाल कृष्ण आडवाणी सिंधी समाज का प्रतिनिधित्व आने वाली 22 तारीख को करेंगे और अयोध्या पहुंचेंगे. केंद्रीय मंत्री के रूप में इंदौर से एमपी शंकर लालवानी सिंधी समाज से आते हैं.

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अभिजीत मुहूर्त में होगी प्राण-प्रतिष्ठा

आलोक कुमार ने कहा कि 22 जनवरी को दोपहर 12:20 पर अभिजीत मुहूर्त होगा. सवा 5 फुट की 5 साल के रामलला की मूर्ति और लोगों की श्रद्धा उसमें प्राण फूंक देगी. 22 जनवरी के दिन किसी को घर पर नहीं रुकना चाहिए. भगवान की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम इकट्ठा होकर देखेंगे. प्राण प्रतिष्ठा हो जाएगी तो मिलकर आरती गाएंगे. दुनिया के 55 देश और उनमें 5 लाख से ज्यादा मंदिर अपने यहां स्क्रीन लगाकर लाइव दिखाएंगे और बाद में भंडारा करेंगे.

सिंधी समाज का राम मंदिर में योगदान

उन्होंने कहा कि सिंधी समाज पूरे तरीके से हिंदू समाज को मानता है. राम मंदिर में सिंधी समाज का काफी योगदान रहा है. मुंबई की एक सिंधी संस्था ने 211 किलो चांदी राम मंदिर में पहुंचाई. सिंधी मंदिरों की मिट्टी भी इकट्ठा करके अयोध्या पहुंचाई गई थी. रामलला के गर्भगृह से 80 फीट नीचे की मिट्टी राजधानी दिल्ली और एनसीआर के सिंधी के सिंधी मंदिरों में पहुंच चुकी है. प्रगतिशील सिंधी समाज के युवा विंग के अध्यक्ष जितिन राजपूत का कहना है राजधानी के सभी सिंधी पंचायत के प्रमुख और झूलेलाल मंदिरों के प्रधान 22 जनवरी को दीपावली मनाएंगे. बता दें कि जम्मू कश्मीर और पंजाब के बंटवारे के बाद सिंधी विस्थापित होकर बड़ी संख्या में दिल्ली के लाजपात नगर, करोलबाग और नॉर्थ दिल्ली के इलाकों में बस गए हैं.

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