भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी फरहतुल्ला गोरी का 22 साल (2002 के बाद) बाद एक वीडियो सामने आया है. फरहतुल्ला गोरी उर्फ अबु सूफियान उर्फ सरदार साहेब उर्फ फैरू गुजरात के अक्षरधाम मंदिर पर हमले का मास्टरमाइंड है. इसे साल 2020 में भारत सरकार ने डेजिग्नेटेड आतंकी घोषित किया हुआ है.
फरहतुल्ला गोरी ने भारत में सबसे पहला हमला साल 2002 में अक्षरधाम मंदिर पर करवाया था. वह गुजरात पुलिस और हैदराबाद पुलिस से वांटेड है. दिल्ली पुलिस की आतंकी फाइलों में भी फरहतुल्ला गोरी का नाम दर्ज है. गोरी ने हैदराबाद में STF के दफ्तर पर फिदायीन हमले के अलावा हैदराबाद में RSS दफ्तर समेत कई नेताओं पर आतंकी हमले करवाए थे. हालांकि, इस समय फरहतुल्ला गोरी पाकिस्तान में मौजूद है.
जैश और लश्कर दोनों से है कनेक्शन
फरहतुल्ला आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख सदस्य है. आज तक को खुफिया एजेंसी के सूत्रों ने बताया है की हाल फिलहाल में भारत में कई आतंकी मॉड्यूल को बेनाकब किया गया है, जिसमें में खुलासा हुआ है कि उस मॉड्यूल का हैंडलर कोई और नहीं बल्कि फरहतुल्ला गोरी ही था. ISI भारत सरकार के मौजूदा तेवर और एक्शन से घबराई हुई है. इसलिए फरहतुल्ला गोरी को ISIS के नाम पर आतंकी मॉड्यूल चलाने के लिए लांच किया गया है. भारत में ISIS जैसा कोई मॉड्यूल नहीं, बल्कि उन सबके पीछे ISI ही है.
PAK की खुफिया एजेंसी की शरण
आजतक को खुफिया एजेंसी के सूत्रों ने बताया है कि सालों तक पाकिस्तान में फरहतुल्ला गोरी को पालने-पोसने के बाद अब पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने खुलकर फरहतुल्ला गोरी को लांच किया और पहली बार उसका वीडियो, जिसमें चेहरा दिखाई दे रहा है वो रिलीज किया है. इसकी वजह है की ISI भारत से फरार आतंकी का वीडियो रिलीज कर खुद को भी किसी आरोप से बचाए रखना चाहती है.
नया स्लीपर सेल खड़ा करना है मकसद
दरअसल जब भी भारत आरोप लगाएगा पाकिस्तान सामने आकर बोलेगा की फरहतुल्ला गोरी पाकिस्तान का नागरिक नहीं, बल्कि भारत का रहने वाला है. हमारा कोई लेना-देना नहीं है फरहतुल्ला गोरी का वीडियो रिलीज करने का मकसद है भारत में नए सिरे से आतंक का नया स्लीपर सेल मॉड्यूल खड़ा करना. फरहतुल्ला का साउथ इंडिया में बहुत बड़ा नेटवर्क है, जिसका फायदा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी सालों से उठाती रही है और साउथ इंडिया में फरहतुल्ला गोरी के स्लीपर सेल मॉड्यूल के जरिए लगातार आतंकी हमला करवाती रही है.
अरविंद ओझा