टूलकिट मामला: FIR कॉपी में ToolKit नेक्सस का पूरा खुलासा, UN तक जाने की थी प्लानिंग

टूलकिट मामले में दर्ज FIR के मुताबिक, 4 फरवरी को सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग के दौरान पता चला कि गूगल डॉक का एक लिंक गलती से ट्विटर पर शेयर किया गया. इस टूलकिट में हिंदुस्तान के खिलाफ एक बड़ी साजिश तैयार की गई थी. 

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टूलकिट मामले में दिशा रवि की गिरफ्तारी (फ़ोटो- इंडिया टुडे) टूलकिट मामले में दिशा रवि की गिरफ्तारी (फ़ोटो- इंडिया टुडे)

तनसीम हैदर

  • नई दिल्ली ,
  • 17 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 1:10 AM IST
  • टूलकिट मामले में दर्ज FIR की कॉपी इंडिया टुडे के पास
  • FIR कॉपी में टूलकिट नेक्सस का पूरा खुलासा
  • UN तक जाने की थी प्लानिंग

टूलकिट मामले (ToolKit Case) में दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद अब उनके करीबियों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है. टूलकिट मामले में 4 फरवरी को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने FIR दर्ज की थी. जिसमें बकायदा टूलकिट नेक्सस का पूरा खुलासा किया गया है. इंडिया टुडे के पास टूलकिट मामले की FIR कॉपी मौजूद है. 

टूलकिट मामले में दर्ज FIR के मुताबिक, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग के दौरान ये पता चला कि प्रतिबंधित खालिस्तानी आतंकी संगठन 'सिख फ़ॉर जस्टिस' किसान आंदोलन की आड़ में गणतंत्र दिवस समारोह पर माहौल बिगाड़ने की साजिश रची. सिख फ़ॉर जस्टिस ने 26 जनवरी को इंडिया गेट पर राजद्रोही झंडा फहराने वाले को इनाम देने की घोषणा भी की.

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किसान आंदोलन की आड़ में ये संगठन लगातार सोशल मीडिया के जरिये आम जनता को देश विरोधी गतिविधियों के लिए उकसा भी रहा था. UN में शिकायत लिखने की अपील कर रहा था ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि खराब हो. 

FIR के मुताबिक, ये भी देखा गया कि 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद भी सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो और फ़ोटो के जरिये उकसाने की पूरी कोशिशें की जा रही थी. 

4 फरवरी को सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग के दौरान पता चला कि गूगल डॉक का एक लिंक गलती से ट्विटर पर शेयर किया गया. इस टूलकिट में हिंदुस्तान के खिलाफ एक बड़ी साजिश तैयार की गई थी. 

टूलकिट मामले में दर्ज FIR के मुताबिक, इस डॉक्यूमेंट (टूलकिट) में 26 जनवरी को पूरे देश में लोगों को भड़काकर फिजिकली एक्शन के लिए बोला गया था. विदेशों में मौजूद भारतीय दूतावास पर भी प्रदर्शन के लिए निर्देश दिये गए थे. 

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साथ ही इस डॉक्यूमेंट में प्रायर एक्शन के नाम से भी कॉलम था. जिसमें लिखा था कि 23 जनवरी को ट्विटर स्ट्रोम लाना है. जिसमें किसान आंदोलन के नाम पर फर्जी जानकारियां देकर लोगों को ज्यादा से ज्यादा जमा करना है. इसी में 26 जनवरी को फिजिकल एक्शन और भारतीय दूतावासों पर प्रदर्शन करने की बात भी लिखी हुई थी. 

इसमें 21 फरवरी से 26 फरवरी के बीच लोगों से प्रोटेस्ट साइट्स पर जाकर अपने वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड करने की अपील भी की गई थी. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस मुहिम से जुड़ सकें.

FIR के मुताबिक, इस टूलकिट के जरिये 'पॉइटिक जस्टीस फाउंडेशन' के कम्पैन मेटीरियल को भी खुले रूप से प्रोमोट किया जा रहा था. जो कि समाज में सौहाद्र बिगाड़ रही थी और नफरत फैला रही थी. इसका मकसद सभी समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा करना था. 

गलती से शेयर किये इस टूलकिट में जो लिखा था, वैसा ही 26 जनवरी या उसके आसपास हुआ भी. इस डॉक्यूमेंट को टाइटल दिया गया था 'ग्लोबल डे ऑफ एक्शन प्रोटेस्टिंग फ़ॉर फार्मर्स एंड इंडियाज रिपब्लिक डे जनवरी 26, 2021'.

मालूम हो कि 26 जनवरी को हुई हिंसा में 500 के करीब पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे. टूलकिट मामले में दर्ज FIR के मुताबिक, सिख फ़ॉर जस्टिस ने इंडिया गेट पर झंडा फहराने वाले को 2,50,000 US डॉलर देने को वादा किया था. उसने भी 26 जनवरी को ट्रेक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में अहम रोल अदा किया. 

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इस टूलकिट की वजह से ही प्रदर्शन उग्र हुआ. सैकड़ों पुलिसकर्मी लालकिले और दिल्ली में अलग अलग जगहों पर जख्मी हुए. जिसके बाद कई FIR दर्ज की गई. इस टूलकिट के हिसाब से ही 26 जनवरी के बाद सोशल मीडिया पर फर्जी जानकारियां, वीडियो और फोटों का प्रसार किया गया, जिसका मकसद समाज और विभिन्न समुदायों के बीच नफरत पैदा करना था. सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काना था. 

FIR के मुताबिक, इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए भारतीय दंड संहिता के तहत 124A/ 153A/ 153/120B के तहत दर्ज किया गया है. 

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