आंध्र प्रदेश में तिरुमाला पराकमानी विवाद ने एक बार फिर सियासी तूल पकड़ लिया है. तिरुपति से वाईएसआरसीपी सांसद डॉ. मड्डिला गुरुमूर्ति ने केंद्र से सीबीआई जांच और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में न्यायिक आयोग बनाने की मांग की. उन्होंने कहा, “भगवान के घर में राजनीति मत घुसाइए.”
सांसद ने टीडीपी पर मंदिर की कहानियों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया. गुरुमूर्ति ने TDP पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे 'हुंडी' (दान-पात्र) में चोरी और दुरुपयोग के झूठे आरोप लगाकर "सस्ती राजनीतिक प्रतिशोध" कर रहे हैं.
उन्होंने साफ शब्दों में कहा, "तिरुमाला आपकी लड़ाई का मैदान नहीं है. यह भारत का आध्यात्मिक हृदय है. केवल एक केंद्रीय जांच ही इस गंदगी को साफ़ कर सकती है. आस्था को झूठ पर विजय दिलाएं."
दो मांगें
YSRCP ने इस मामले में एक निष्पक्ष जांच की मांग की है. सांसद गुरुमूर्ति ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवाई को पत्र लिखकर दो प्रमुख मांगों को रखा है, जि में पहला है-पारदर्शिता के लिए CBI जांच. दूसरा है-पूरा सच सामने लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग का गठन.
गुरुमूर्ति ने इतिहास का हवाला देते हुए कहा कि 2022 में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) में एक हाई-टेक 'परकामी' सुविधा बनाने पर ₹23 करोड़ खर्च किए गए थे, जिसमें 24/7 CCTV निगरानी की व्यवस्था है. उन्होंने 2023 की चोरी का भी जिक्र किया, जिसमें आरोपी पकड़े गए थे और उन्होंने TTD को ₹14 करोड़ वापस दान कर दिए थे.
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गुरुमूर्ति ने TDP को चेतावनी देते हुए कहा, "अगर आपके पास कोई वास्तविक सबूत है, तो उसे पेश करें. यदि नहीं, तो भक्तों का अपमान करना बंद करें." उन्होंने कहा कि TDP की मंदिर की राजनीति से सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान हो सकता है. उन्होंने कहा, "हमने कार्रवाई की. हमने सुधार किया. टीडीपी बस काम कर रही है."
ऐश्वर्या पालीवाल