तमिलनाडु सरकार ने स्टरलाइट प्लांट खोलने का किया विरोध, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

स्टरलाइट प्लांट का मालिकाना हक वेदांता लिमिटेड के पास है. वेदांता लिमिटेड ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस नवीन सिन्हा और केएम जोसेफ की बेंच के सामने तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा कि कंपनी ने सभी मानकों का पालन किया है.

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तमिलनाडु स्थित स्टरलाइट प्लांट (फोटो-पीटीआई) तमिलनाडु स्थित स्टरलाइट प्लांट (फोटो-पीटीआई)

अनीषा माथुर

  • नई दिल्ली,
  • 16 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 6:24 PM IST
  • स्टरलाइट कॉपर प्लांट खोलने का हो रहा विरोध
  • प्रदूषण संबंधी चिंताओं को लेकर बंद किया गया था प्लांट
  • अदालत ने कंपनी से शपथपत्र दाखिल करने को कहा

तमिलनाडु सरकार ने तुथुकुड़ी में स्टरलाइट कॉपर प्लांट को फिर खोलने के कंपनी की कोशिशों का विरोध किया है. ये कंपनी मई 2018 से बंद पड़ी हुई थी. इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान तमिलनाडु सरकार की पैरवी करते हुए वरिष्ठ वकील सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि राज्य सरकार ने प्लांट को स्थायी रूप से बंद करने के लिए आदेश पारित किया था.  

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सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि तब अदालत ने भी इस फैसले को सहमति दी थी. राज्य सरकार ने अदालत में कहा कि स्टरलाइट प्लांट को खोलने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए. 

स्टरलाइट प्लांट का मालिकाना हक वेदांता लिमिटेड के पास है. वेदांता लिमिटेड ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस नवीन सिन्हा और केएम जोसेफ की बेंच के सामने तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा कि कंपनी ने सभी मानकों का पालन किया है. 

कंपनी की ओर से पेश होते हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि प्लांट को खोलने के लिए जो शर्तें रखी थीं उसका सख्ती से पालन किया गया है और प्लांट को तीन महीने के लिए ट्रायल के तौर पर खोलने का आदेश दिया जाना चाहिए. 

अदालत ने दोनों पक्षों का तर्क सुनने के बाद कंपनी को एक विस्तृत शपथ पत्र दायर करने को कहा और अब तक उठाए गए कदमों की जानकारी देने को कहा है. ताकि ये पचा चल सके कि प्लांट को सुरक्षित रूप से चलाने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं. 

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बता दें कि तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदूषण की चिंताओं के बाद एक आदेश जारी किया गया था. इसके बाद प्लांट को मई 2018 में बंद कर दिया गया था. तब मद्रास हाई कोर्ट ने इस फैसले पर सहमति जताई थी. इससे पहले पुलिस ने पर्यावरण संबंधी मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने गोलियां चला दी थीं. इस फायरिंग में 13 लोगों की मौत हो गई थी.  

 

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